चिडावा, 17 जून: चिडावा-सिंघाना सड़क मार्ग बस स्टैंड लालचौक पर किसान सभा के बैनर तले किसानों का धरना आज 168 वें दिन भी जारी रहा। धरने का नेतृत्व सुनिल चाहर कर रहे हैं।
महिलाओं ने भी जताया अपना विरोध:
इस धरने में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं। कृष्णा शास्त्री के नेतृत्व में महिलाओं ने कहा कि पानी के बिना उनका जीवन मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से नहर की मांग करते हुए कहा कि पानी ही जीवन है और सरकार को उनकी जान बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
क्षेत्र में पनप रहा है अस्तित्व का संकट:
किसानों ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में पानी की भारी कमी के कारण जनजीवन पर अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। खेतीबाड़ी और सिंचाई के लिए पानी नहीं होने से लोग बेरोजगारी और भूखमरी का शिकार हो रहे हैं। पानी की कमी के कारण चोरी और अपराध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
किसानों का आक्रोश बढ़ रहा है:
किसानों ने यमुना नहर की मांग करते हुए कहा कि वे पिछले छह महीने से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। उनका आक्रोश दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और उन्होंने चेतावनी दी है कि वे नहर मिलने तक धरने से पीछे नहीं हटेंगे।
धरने पर मौजूद रहे :
आज के धरने में जिला महामंत्री मदन सिंह, तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष महेश चाहर, जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, नहर आन्दोलन प्रवक्ता विजेंद्र शास्त्री, ताराचंद तानाण, पुरुषोत्तम शर्मा, सुनहरी देवी, पूजा, नेहा चाहर, हेमन्त, जयन्त चौधरी, प्रताप राव, करण कटारिया, अनुप वर्मा, मीना देवी, जीविका, वंशिका, कपिल, हर्षित, नीरज, सौरभ सैनी, सीताराम, प्रभु राम, उमेद सिंह मान, जगमाल सिंह, रामप्यारी, सन्तोष और धोळी गुंवारिया, जयसिंह आदि शामिल थे।
यह धरना क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या को उजागर करता है। सरकार से उम्मीद है कि वह किसानों की मांगों पर ध्यान देगी और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करेगी।