चिड़ावा: शहर के वार्ड नंबर 11 में विश्वकर्मा मंदिर के पास एक घर से 30 लाख रुपये के सोने–चांदी के गहने चोरी करने वाले गैंग का पुलिस ने खुलासा किया है। चिड़ावा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुख्य मास्टरमाइंड विक्रांत के साथ विशाल भालोठिया, अतुल शर्मा और बरकत अली को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी वारदात के दिन घर में दबाव बनाकर अलमारी की चाबी लेकर फरार हो गए थे। यह केस जिले की सबसे बड़ी हालिया चोरी में से एक माना जा रहा है।
परिवादी आरिफ ने रिपोर्ट में बताया कि 8 नवंबर को उनके परिवार की गैरमौजूदगी में आरोपियों ने उनके बच्चे को धमकाकर अलमारी की चाबी ले ली। धमकी देकर कहा गया कि बात किसी को बताई तो जान से मार देंगे। बाद में शादी कार्यक्रम के दौरान घर लौटने पर पता चला कि सोने–चांदी के सभी जेवरात गायब हैं। चोरी हुए आभूषणों में गले की सोने की गलसरी, गलपटिया, चार सोने के चूड़े, सात बड़ा ताबीज, मंगलसूत्र, दो गजरा कड़ा, दो सोने के टोप्स, दो जोड़ी पायजेब, मांगटीका और दो जोड़ी कान के पत्ते शामिल थे। इनकी कुल कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई गई।
घटना की जानकारी मिलते ही चिड़ावा पुलिस टीम मौके पर पहुंची और एमओबी टीम ने मौके का विस्तृत निरीक्षण किया। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर तंत्र के आधार पर पुलिस ने सटीक दिशा में जांच आगे बढ़ाई। 9 दिसंबर की सुबह चारों संदिग्धों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई, जिसमें सभी आरोपियों की भूमिकाएं उजागर हो गईं।
पुलिस ने विक्रांत, विशाल भालोठिया, अतुल शर्मा और बरकत अली को गिरफ्तार कर वारदात का पर्दाफाश किया। जांच में सामने आया कि विशाल भालोठिया पर पहले भी अवैध हथियार, हत्या प्रयास और मारपीट जैसे मामले दर्ज हैं, जबकि मुख्य मास्टरमाइंड विक्रांत के खिलाफ पहले से चोरी का केस दर्ज है। पुलिस इनसे और चोरी हुए गहनों की रिकवरी तथा नेटवर्क की जानकारी जुटाने में लगी है। गिरफ्तार आरोपियों को 10 दिसंबर को अदालत में पेश किया गया।
इस कार्रवाई का नेतृत्व आशाराम गुर्जर ने किया, जबकि कैलाश चंद्र, महेंद्र कुमार, अमित सिहाग, अंकित कुमार और सुरेंद्र सिंह ने तहकीकात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने घटनास्थल से लेकर तकनीकी जांच तक सभी पहलुओं पर लगातार काम किया और गहने चोरी के इस बड़े मामले को बेहद कम समय में सुलझा दिया।




