चिड़ावा: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा 1 से 7 अक्टूबर 2025 तक आयोजित समाज कल्याण सप्ताह का समापन राजकीय अंबेडकर छात्रावास में किया गया। समापन अवसर पर विशेष योग्यजन दिवस का आयोजन हुआ, जिसमें 11 विशेष योग्यजनों को उनकी आवश्यकता के अनुसार 18 कृत्रिम उपकरण वितरित किए गए।
लाभार्थियों को मिली जीवन सुविधा — वितरित हुए व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल और बैसाखियां
कार्यक्रम के दौरान विशेष योग्यजनों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल और बैसाखियां वितरित की गईं। इन उपकरणों से लाभार्थियों को दैनिक जीवन में अधिक स्वतंत्रता और सुविधा मिलेगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सरकार की योजनाओं का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ना और सशक्त बनाना है।
राष्ट्रीय पैरा खिलाड़ी अरुण दाधीच रहे मुख्य अतिथि, किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अरुण दाधीच, जो राष्ट्रीय स्तर के पैरा खिलाड़ी हैं, ने हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय रग्बी टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। डॉ. ममता पूनियां ने उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया। अरुण दाधीच ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि समाज को विशेष योग्यजनों को आगे बढ़ाने के लिए समान अवसर देने होंगे, जिससे वे “सक्षम भारत” के निर्माण में भागीदारी निभा सकें।

पालनहार से लेकर विशेष योग्यजन ऋण योजना तक योजनाओं की जानकारी दी गई
समारोह में विभागीय कार्मिकों ने राजस्थान सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी दी। इनमें प्रमुख रूप से
पालनहार योजना
पेंशन योजना
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
सुखद दाम्पत्य योजना
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन ऋण स्वीकार योजना
कृत्रिम अंग एवं उपकरण योजना शामिल रहीं।
इन योजनाओं का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहायता और आत्मनिर्भरता प्रदान करना है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे कई गणमान्य और सामाजिक कार्यकर्ता
समारोह में शेखावाटी दिव्यांग जन सेवा समिति के पदाधिकारी और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान हरनारायण मान (अध्यक्ष), जोगेन्द्र शर्मा (संचालक), परमानन्द रैगर (मीडिया प्रभारी), अंकुर बलौदा (वरिष्ठ लेखाकार), मुकेश कोकचा (सूचना सहायक) और अभिमन्यु सिंह (छात्रावास अधीक्षक) उपस्थित रहे। सभी ने विशेष योग्यजनों को सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
समाज के समावेशी विकास की दिशा में अहम कदम
विभागीय अधिकारियों ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में समावेशिता और संवेदनशीलता की भावना को मजबूत करते हैं। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि विशेष योग्यजन भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उनकी क्षमताएं प्रेरणा का स्रोत हैं।





