चिड़ावा: शहर में फिट इंडिया मूवमेंट को ज़मीनी स्तर पर मजबूती देते हुए ‘संडे ऑन साइकिल’ अभियान के तहत भव्य साइकिल रैली का आयोजन किया गया। केंद्रीय सैनिक बोर्ड और राज्य सैनिक बोर्ड के निर्देशानुसार आयोजित इस रैली में पूर्व सैनिकों, उनके परिजनों और आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। कार्यक्रम का उद्देश्य शारीरिक फिटनेस, सक्रिय जीवनशैली और नियमित व्यायाम के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना रहा।
फिट इंडिया मूवमेंट के तहत चिड़ावा में साइकिल रैली
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के केंद्रीय सैनिक बोर्ड पश्चिम आर.के. पुरम, नई दिल्ली तथा भारतीय खेल प्राधिकरण के सहयोग से देशभर में चल रहे ‘फिट इंडिया साइक्लिंग अभियान’ की कड़ी में चिड़ावा में यह आयोजन किया गया। ‘संडे ऑन साइकिल’ रैली के माध्यम से नागरिकों को साइकिलिंग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने और स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया।
चिंकारा कैंटीन से सैनिक कल्याण कार्यालय तक निकली रैली
रविवार सुबह 8.30 बजे शुरू हुई यह साइकिल रैली चिंकारा कैंटीन, चिड़ावा से प्रारंभ होकर सैनिक कल्याण कार्यालय, चिड़ावा तक पहुंची। मार्ग के दौरान रैली ने शहरवासियों का ध्यान आकर्षित किया और फिटनेस के प्रति सकारात्मक माहौल बनाया। प्रतिभागियों के लिए कार्यक्रम स्थल पर अल्पाहार की व्यवस्था भी की गई, जिससे सहभागियों में उत्साह बना रहा।
पूर्व सैनिकों और युवाओं की उल्लेखनीय सहभागिता
इस अवसर पर नायब तहसीलदार बलवीर कुलहरी, गौरव सेनानी सेवा समिति झुंझुनू के अध्यक्ष शीशराम डांगी, लीलाधर कमांडो, हजारीलाल फ्लाइट अफसर, कप्तान हरलाल डांगी, ब्रह्मानंद रोहिल्ला, शेर सिंह, हजारीलाल वर्मा और वीरेंद्र धनखड़ की उपस्थिति रही। इनके साथ सतपाल सिंह नरूका, पूनम सिंह नरूका, कप्तान जयवीर सिंह, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक परिषद के संयोजक सूबेदार मेजर कुलदीप मान भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। युवाओं में अंकित चौधरी, जतिन भास्कर, राहुल गुर्जर, राजवीर, धीरज, सचिन, अजीत, अंकित, सोनू और नितिन सहित कई प्रतिभागियों ने साइकिल चलाकर अभियान को समर्थन दिया।
समाज को फिटनेस और साइकिलिंग से जोड़ने की पहल
आयोजकों का मानना है कि ‘संडे ऑन साइकिल’ जैसे कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य संवर्धन की दिशा में कारगर हैं, बल्कि यह समाज को पर्यावरण संरक्षण, फिटनेस और अनुशासित जीवनशैली से जोड़ने का भी प्रभावी माध्यम हैं। पूर्व सैनिकों की सहभागिता ने युवाओं को प्रेरित किया और कार्यक्रम को विशेष पहचान दिलाई।




