चिड़ावा: कॉलेज रोड स्थित सनातन आश्रम पोद्दार पार्क में चल रहे श्री पीठ महालक्ष्मी धाम के वार्षिक मूर्ति स्थापना महोत्सव के दूसरे दिन श्री रामायण ज्योति मंगलपाठ का आयोजन श्रद्धा और आस्था के साथ किया गया। यह संगीतमय पाठ आयोजन धाम के पीठाधीश वाणीभूषण पंडित प्रभुशरण तिवाड़ी के सान्निध्य में हुआ।
मंगलपाठ से पूर्व व्यावसायी मनोज फतेहपुरिया ने आचार्य नरेश जोशी और बालकृष्ण चौरासिया के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। पाठ के दौरान प्रभुशरण तिवाड़ी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को रामायण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कलयुग में राम कथा का श्रवण जीवन की अशांति को दूर करता है और भगवान राम का जीवन मर्यादा और आदर्श का प्रतीक है। उन्होंने श्री (लक्ष्मी) और हरि (विष्णु) के अवतरण की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि भगवान ने पृथ्वी पर राक्षसी अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए जन्म लिया और मर्यादित जीवन जीकर समाज के लिए प्रेरणा बने।
तिवाड़ी ने रामायण की विभिन्न पात्रों के चरित्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि हनुमान ने ईश्वर के प्रति भक्ति और समर्पण का अनुपम उदाहरण दिया, जबकि भरत ने भाई के प्रति निष्ठा और आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी बताया कि भगवान राम ने शबरी की आस्था को सम्मान देते हुए नवधा भक्ति का मार्ग बताया जिससे जनसामान्य को ईश्वर प्राप्ति का सरल रास्ता मिला।
मंगलपाठ के समापन पर सामूहिक आरती हुई और आचार्य नरेश जोशी व बालकृष्ण चौरासिया के नेतृत्व में सभी श्रद्धालुओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस धार्मिक अवसर पर सुरेंद्र जोशी, शिवलाल सैनी, राजीव व्यास, संजीव व्यास, महेंद्र बदनगढ़िया, यादव प्रसाद शर्मा, सांवरमल तिवाड़ी, गणेश चेतीवाल, रामनिवास जांगिड़, इंद्र प्रकाश दायमा, प्रमोद सुलतानिया, मातादीन महर्षि, रत्तीराम राजोतिया, प्रकाश शर्मा, फूलचंद भगेरिया, सत्यनारायण शर्मा, महेंद्र मेघवाल, सत्यनारायण भार्गव, सुरेश शेखावत, श्याम राणा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहीं।
सनातन आश्रम विकास समिति के सदस्य गिरधर गोपाल महमिया ने बताया कि छह जुलाई को सुबह सवा नौ बजे महालक्ष्मी यज्ञ का आयोजन होगा, जिसके बाद सवा दस बजे महालक्ष्मी की महाआरती और फिर सवा ग्यारह बजे प्रसाद वितरण किया जाएगा।