Wednesday, August 6, 2025
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चिड़ावा में भाजपा नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष को जल संकट और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

चिड़ावा, 4 मई 2025: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के पिलानी के मोरवा गांव में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान चिड़ावा के ओजटू बाईपास पर नगर के भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन पूर्व पार्षद रविकांत शर्मा के नेतृत्व में सौंपा गया जिसमें चिड़ावा शहर की गंभीर समस्याओं और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं को लेकर चिंता जताई गई।

ज्ञापन में मुख्य रूप से तीन बिंदुओं को लेकर शिकायत की गई — चिड़ावा में पानी की विकट समस्या, नगरपालिका में भ्रष्टाचार और चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि कांग्रेस शासन में पदस्थापित अधिकारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है और वे भाजपा सरकार के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं।

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जलदाय विभाग: पानी संकट से त्रस्त है शहर

ज्ञापन में बताया गया कि चिड़ावा के 40 वार्डों में जल संकट लगातार गंभीर होता जा रहा है। गर्मी की शुरुआत में ही अधिकतर वार्डों में पानी टैंकरों से मंगवाना पड़ रहा है। शहर में लगभग 136 बोरवेल हैं, जिनमें से 30 से 40 पूरी तरह सूख चुके हैं और बाकी का जलस्तर काफी नीचे चला गया है।

ज्ञापन में यह मांग की गई कि मंड्रेला से चिड़ावा तक पाइपलाइन बिछाकर प्रतिदिन कम से कम दो लाख लीटर पानी उपलब्ध करवाया जाए। साथ ही, 1965 में बिछाई गई पुरानी पाइप लाइनों की जगह नई पाइप लाइन डलवाई जाएं, क्योंकि वर्तमान में सिवरेज मिल जाने से लोगों को दूषित पानी मिल रहा है।

नगरपालिका चिड़ावा: अधिशासी अधिकारी पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

ज्ञापन में चिड़ावा नगरपालिका में तैनात अधिशासी अधिकारी रोहित मील पर गंभीर आरोप लगाए गए। आरोप है कि बिना ‘भेंट पूजा’ कोई भी कार्य नहीं किया जाता और केवल मोटी रकम देने वाले लोगों की पत्रावलियों को ही प्राथमिकता दी जाती है।

इसके अलावा, बिना नियमों के निर्माण कार्य, 90A प्रक्रिया के तहत गलत तरीके से जमीनों को नियमित करना और पीडीएफ खातों से भुगतान जैसे मामलों को भी उठाया गया। ज्ञापन में बताया गया कि अधिशासी अधिकारी के खिलाफ पहले से ही एंटी करप्शन विभाग और स्वायत्त शासन विभाग में शिकायतें दर्ज हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

उप जिला अस्पताल की हालत भी गंभीर

चिकित्सा व्यवस्था को लेकर ज्ञापन में कहा गया कि सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर निजी क्लिनिक चलाते हैं और मरीजों को वहां रेफर करते हैं। इससे आम लोगों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है। ज्ञापन में सभी पुराने डॉक्टरों को अन्यत्र स्थानांतरित कर योग्य डॉक्टरों को तैनात करने की मांग की गई।

साथ ही, अस्पताल में ब्लड बैंक की आवश्यकता जताई गई और यह जानकारी दी गई कि इसके भवन निर्माण के लिए भवन दान करने की भी तैयारी है।

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ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से शामिल लोग

ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में रविकांत शर्मा, रामगोपाल मिश्र, विद्याधर सैनी, वैजनाथ मोदी, मदन डारा, बाबूलाल वर्मा, राजेंद्र पाल, मुकेश खंडेलवाल, अशोक शर्मा, उमा शर्मा और गंगाधर सैनी शामिल थे।

ज्ञापन के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इन मांगों पर शीघ्र संज्ञान लेंगे और उचित कार्रवाई के निर्देश देंगे, जिससे आमजन को राहत मिल सके।

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