चिड़ावा: पंचायत समिति क्षेत्र के झांझौत गांव में मंदिर की दीवारों पर हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ अप शब्द लिखने का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि एक और भावनाएं भड़काने की कोशिश का मामला सामने आया है।
चिड़ावा से श्योपुरा जाने वाले रास्ते पर गोदारा के बास के समीप असामाजिक तत्वों ने गाय का कटा हुआ सिर सड़क के बीचोंबीच रख दिया।
गाय के सिर को एक पत्थर पर रखा गया था तथा उसके सामने एक पुराने कपड़े पर खाली मटका भी रखा था। हालांकि गाय का सिर काफी पुराना प्रतीत होता है जिसपर चमड़ी व मांस नहीं है।
गोदारा के बास के रहने वाले रोहित गोदारा ने कॉलेज से गांव लोटते हुए सबसे पहले इस सिर को देखा, जिसकी खबर उन्होंने गौ रक्षक बाबू सिंह राजपुरोहित को दी।
सूचना पर गौरक्षक अभिषेक पारीक (बिट्टू), अमित सैनी, रमन सैनी, विशाल सैनी, प्रियांशु गोदारा, नितिन सैनी, रोहित गोदारा, प्रताप गोदारा सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे।
गौरक्षकों द्वारा घटना की जानकारी पुलिस को दी गई जिसपर चिड़ावा थाने से हेड कांस्टेबल मंजू, हेड कांस्टेबल अमित सिहाग, चालक जोगेंद्र व संजय कुमार पहुंचे। पुलिस ने गाय के सिर व अन्य सामान को रास्ते से हटवाया।
श्योपुरा के रहने वाले शारीरिक शिक्षक करतार सिंह ने कहा कि इस तरह कि हरकत करने वाले असामाजिक तत्वों पर पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
गौरक्षक अभिषेक पारीक व उनकी टीम ने गड्ढा खोदकर विधिवत गाय के सिर को मिट्टी दी। गौरक्षकों व ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह घटना क्षेत्र का माहौल खराब करने की कोशिश के तहत की गई है। पुलिस ने मामले की पड़ताल सुरू कर दी है।