चिड़ावा, 21 जनवरी 2025: प्रसिद्ध लालचंद पेड़ा व्यवसायी पर फायरिंग कर एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के मामले में झुंझुनूं पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने मुख्य आरोपियों में शामिल प्रिंस राठौड़ और प्रदीप पहलवान के कब्जे से घटना में प्रयुक्त दो देसी पिस्टल बरामद की हैं। मामला 16 दिसंबर 2024 का है, जब बदमाशों ने दुकान पर गोली चलाकर व्यापारियों में दहशत फैलाई थी।
घटना का विवरण
लालचंद पेड़े वाले की दुकान पर 16 दिसंबर की शाम करीब 6:25 बजे गगनदीप राव दुकानदारी कर रहे थे। तभी एक मोटरसाइकिल पर सवार युवक दुकान पर आया। उसने गगनदीप को एक मुड़ा हुआ कागज दिया। जैसे ही गगनदीप कागज उठाने लगे, युवक ने उन पर जानलेवा हमला करते हुए गोली चला दी। गोली दुकान में लगी, और कर्मचारी जान बचाकर भागे।

गोली चलाने के बाद आरोपी फरार हो गए। कागज में एक करोड़ रुपए की रंगदारी की मांग की गई थी और धमकी दी गई थी कि अगली गोली सीधे उन्हें लगेगी। इसमें दीपु चौराड़ी, प्रदीप पहलवान, और प्रिंस राठौड़ के नाम के साथ क्षत्रिय गैंग लिखा हुआ था।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, और चिड़ावा थाना प्रभारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। त्वरित कार्रवाई के लिए 9 पुलिस टीमों का गठन किया गया। सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों की मदद से आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने की योजना बनाई गई।
मुख्य आरोपियों में शामिल राहुल उर्फ शाका और अशोक पहलवान उर्फ भिंडा को पहले ही जिला कारागृह भेजा जा चुका था। इसके बाद दीपू चौराड़ी, प्रदीप पहलवान, प्रिंस राठौड़, और अमित राठोड़ उर्फ बंटी को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान, 20 जनवरी 2025 को, आरोपियों के कब्जे से दो देसी पिस्टल बरामद की गईं, जो फायरिंग के दौरान उपयोग की गई थीं।

गिरफ्तार आरोपी
- राहुल उर्फ शाका (चौराड़ी, सूरजगढ़)
- अशोक पहलवान उर्फ भिंडा (कुशलपुरा, सूरजगढ़)
- दीपू चौराड़ी (चिड़ावा)
- प्रदीप पहलवान (सुलताना, सिंघाना)
- प्रिंस राठौड़ (डिडवाना, कुचामन)
- अमित राठोड़ उर्फ बंटी (जयपुर)
बरामदगी में विशेष योगदान
बरामदगी के दौरान महावीर (सीकर) और हरिश (एजीटीएफ टीम चिड़ावा) ने विशेष भूमिका निभाई।
पुलिस टीम
फुलचंद मीणा (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) और विकास धींधवाल (वृताधिकारी चिड़ावा) के नेतृत्व में गठित टीम में आशाराम गुर्जर, प्रवीण कुमार, राजेंद्र प्रसाद, अमित कुमार, राजवीर, जोगेंद्र कुमार, महावीर, और हरिश शामिल थे।
झुंझुनूं पुलिस की इस सफलता से व्यापारियों और आमजन में सुरक्षा का विश्वास बढ़ा है। मामले की जांच अभी जारी है, और अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की जा रही है।