चिड़ावा, 3 मार्च 2025: चिड़ावा पंचायत समिति परिसर में शनिवार को उस समय हंगामा मच गया, जब राजीविका और लखपति दीदी योजना से जुड़ी सैकड़ों महिलाएं एकत्र हुईं और ब्लॉक परियोजना प्रबंधक (बीपीएम) रेणुका कुमारी के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए। 24 विभिन्न पंचायतों से आईं इन महिलाओं ने बीपीएम के खिलाफ नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग की। प्रदर्शन के दौरान “बीपीएम मुर्दाबाद” और “हमें न्याय दो” जैसे नारे गूंजते रहे।
महिलाओं ने खोली पोल: रिश्वत और फर्जी नियुक्तियों का खेल
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि बीपीएम रेणुका कुमारी अपने चहेतों को राजीविका में पदाधिकारी नियुक्त करती हैं। इनमें ऐसी महिलाएं शामिल हैं, जिन पर पहले गबन के आरोप लग चुके हैं। लखपति दीदी कांता ने आरोप लगाया कि लांबा में ट्रेनिंग किसी और महिला ने ली, लेकिन जोइनिंग किसी अन्य के नाम पर दर्ज कर दी गई। इसी तरह, धत्तरवाला की सचिव बिंदु ने खाली चेक पर फर्जी हस्ताक्षर करने की बात कही। महिलाओं का कहना है कि पिछले दो महीनों से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला और योजना के तहत मिलने वाली राशि को रिलीज करने के लिए रिश्वत मांगी जाती है। यदि रिश्वत न दी जाए, तो पिछले एक महीने का लाभ काटकर देने की धमकी दी जाती है महिलाओं ने नरहड़ की ड्रोन दीदी लक्ष्मी पर भी सीएलएफ में पैसे जमा करने के लिए अनुचित दबाव बनाने का आरोप लगाया।
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इंदिरा रसोई बंद होने से कर्ज में डूबी कौशल्या
सुलताना की कौशल्या ने बताया कि उसने श्री अन्नपूर्णा इंदिरा रसोई को संचालित करने के लिए घर से और ब्याज पर पैसे लगाए। लेकिन अब उसकी रसोई बंद कर दी गई है, जिससे वह भारी कर्ज में डूब गई है। उसने बीपीएम पर मनमानी और असंवेदनशीलता का आरोप लगाया। इसी तरह, बनाया जा रहा है।
डराने-धमकाने के भी आरोप
महिलाओं ने बीपीएम रेणुका कुमारी पर डराने-धमकाने का भी इल्जाम लगाया। लखपति दीदी ओजटू कांता ने कहा कि बीपीएम अपनी मनमर्जी से काम करती हैं और शिकायत करने वाली महिलाओं को धमकियां देती हैं। इन आरोपों ने प्रदर्शन को और उग्र बना दिया। महिलाओं ने कहा कि उनकी मेहनत और अधिकारों का हनन हो रहा है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगी।
बीडीओ ने संभाला मोर्चा, बीपीएम छुट्टी पर
हंगामा बढ़ता देख बीडीओ अनिषा बिजारणिया मौके पर पहुंचीं और महिलाओं की शिकायतें सुनीं। उन्होंने बीपीएम रेणुका से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन पता चला कि वह छुट्टी पर हैं। इसके बाद बीडीओ ने महिलाओं से उनकी शिकायतें लिखित रूप में जमा करने को कहा, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। बीडीओ ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय प्रतिक्रिया और मांग
इस घटना ने चिड़ावा में राजीविका और लखपति दीदी योजना के संचालन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि आरोप सही हैं, तो यह महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई योजनाओं पर धब्बा है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मांग की कि बीपीएम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी शिकायतों का निष्पक्ष समाधान हो।
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चिड़ावा पंचायत समिति में हुए इस प्रदर्शन ने प्रशासन को तत्काल कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया है। महिलाओं के गंभीर आरोपों के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और क्या दोषियों को सजा मिलेगी। यह घटना महिलाओं के अधिकारों और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग के मुद्दे को फिर से चर्चा में लाई है।