चिड़ावा, 9 अप्रैल 2025: चिड़ावा के प्रसिद्ध जीण माता मंदिर में चैत्र नवरात्र के अवसर पर लक्खी छठ की रात हुई पुजारियों के साथ कथित मारपीट की घटना को लेकर विप्र समाज में गहरा आक्रोश है। इस मामले में बुधवार को चिड़ावा विप्र फाउंडेशन के तत्वावधान में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपखंड अधिकारी डॉ. नरेश सोनी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।
घटना का विवरण
ज्ञापन के अनुसार, 3 अप्रैल की मध्यरात्रि 12 बजे मंदिर की परंपरा के अनुसार बत्तीसी संघ के एक श्रद्धालु ने गर्भगृह में प्रवेश कर माता को धोक दी। मंदिर की मान्यता के अनुसार एक समय में केवल एक भक्त को ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होती है। लेकिन इस अवसर पर कई श्रद्धालु एक साथ गर्भगृह में प्रवेश करने लगे, जिससे मंदिर के पुजारियों ने उन्हें परंपरा के पालन हेतु रोकने का प्रयास किया।

इस दौरान विप्र समाज का आरोप है कि एडीएम, तहसीलदार, गिरदावर राजेश, पटवारी सज्जन और थाना स्टाफ के कर्मचारियों ने पुजारियों के साथ दुव्यवहार और हाथापाई की। मुख्य पुजारी की जनेऊ भी तोड़ दी गई, जिसे समाज ने गहरी धार्मिक आस्था का अपमान माना है।
मिलीभगत का आरोप
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि यह पूरा घटनाक्रम बत्तीसी संघ, पुलिस प्रशासन और मेला प्रबंधन की मिलीभगत से हुआ है। इस घटना को धार्मिक परंपराओं का घोर उल्लंघन बताते हुए दोषियों पर शीघ्र कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।
प्रतिनिधिमंडल की चेतावनी
प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों के विरुद्ध त्वरित एवं निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की गई, तो विप्र समाज चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि मंदिरों की मर्यादा और पुजारियों की गरिमा की रक्षा के लिए समाज एकजुट होकर संघर्ष करेगा।

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ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख नाम
इस अवसर पर चिड़ावा विप्र फाउंडेशन के तहसील अध्यक्ष पृथ्वीराज शर्मा, राधेश्याम सुखाड़िया, देवेंद्र चोटिया, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुभाष शर्मा, सुरेश शर्मा, राजेंद्र शर्मा (राजू), पवन शर्मा, विजय शर्मा, सुंदर शर्मा (मानोता), शुभराम शर्मा, मदन शर्मा, श्रवण पारीक, सुशील शर्मा और रवि शर्मा सहित कई विप्रजन उपस्थित रहे।