चिड़ावा: उपखंड में पेयजल संकट गहराने के साथ ओजटू गांव के ग्रामीणों ने जलदाय विभाग के खिलाफ जोरदार विरोध किया। एईएन सविता चौधरी पर ज्ञापन लेने से इनकार का आरोप लगने के बाद ग्रामीणों ने आधे घंटे तक धरना दिया। पूरे मामले ने पेयजल आपूर्ति, ट्यूबवेल संचालन और विभागीय लापरवाही को लेकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
पेयजल आपूर्ति में लगातार हो रही समस्या से परेशान ओजटू गांव के लोग बड़ी संख्या में चिड़ावा जलदाय कार्यालय पहुंचे। इस प्रदर्शन का नेतृत्व पूर्व सैनिक शीशराम डांगी ने किया। ग्रामीणों का कहना है कि कार्यालय पहुंचने के बावजूद एईएन सविता चौधरी ने बाहर आकर न तो उनसे बात की और न ही ज्ञापन लेना स्वीकार किया। इससे नाराज ग्रामीण जमीन पर ही बैठ गए और करीब आधे घंटे तक शांतिपूर्ण धरना देकर विरोध जताया।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों में मंदरूप सिंह, शिवरतन शर्मा, महावीर, सज्जन, संजीव, सुभाष, विजय, योगेश, राजेश, सुनील, जितेंद्र, संजय, राकेश, रोहिताश, मुस्ताक, दाताराम और मालाराम सहित कई लोग शामिल थे। उनका कहना था कि विभाग पहले ही पेयजल सप्लाई में लापरवाही कर रहा है, ऊपर से एईएन का ज्ञापन लेने से इनकार करना लोगों की समस्याओं को और बढ़ाने वाला कदम है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभागीय उदासीनता के कारण ओजटू में पानी का संकट लगातार गहरा रहा है।
धरने के बाद ग्रामीण शीशराम डांगी के साथ उपखंड कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने एसडीएम नरेश सोनी से मुलाकात की। उन्होंने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जलदाय विभाग शिकायतें सुनने को तैयार नहीं है। एसडीएम ने तत्काल एईएन से बात कर समस्याओं का समाधान जल्द करने के निर्देश दिए और आश्वासन दिया कि पेयजल आपूर्ति बहाल करने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ग्रामीणों ने दिए गए ज्ञापन में आरोप लगाया कि नवोड़ी कुई ट्यूबवेल से करीब दो सौ घरों को पानी मिलता है, लेकिन कुछ स्थानीय लोग उसी स्थान पर एक नया कुआं तैयार कर रहे हैं। उनका कहना है कि कर्मचारी की मिलीभगत से पुराने कुएं की पाइपलाइन, मोटर और बिजली के तार नए निर्माण में लगाने की तैयारी चल रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा हुआ तो वे बड़े स्तर पर उग्र प्रदर्शन करेंगे।




