सिंघाना के घरड़ाना खुर्द गांव में पेयजल की समस्या ने विकराल रूप ले लिया है। ग्रामीण पिछले 2-3 वर्षों से स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने जलदाय विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश
पेयजल संघर्ष समिति के बैनर तले एकत्रित हुए ग्रामीणों ने गांव में मुख्य बस स्टैंड के पास जमकर प्रदर्शन किया। संदीप राव और बिरसिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जलदाय विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि गांव की 75% आबादी पेयजल संकट से जूझ रही है। लोगों को दूर-दूर तक साफ पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
सांसद का आश्वासन
पूर्व सांसद और भाजपा प्रदेश महामंत्री संतोष अहलावत ने ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से लिया है। उन्होंने पीएचईडी विभाग के अधिकारियों से बात की है और दो-तीन दिन में समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
प्रदर्शन में शामिल रहे
प्रदर्शन में सरपंच उम्मेद राव, मोहरसिंह, हनुमान दोचनिया, डूँगर कुमावत, उम्मेद जाँगीड, कंवरपाल सेन, धर्मपाल, मनोज, संदीप राव, बनवारी पारिक, सीताराम पारिक, अमरसिह राव, महताब राव, रोताश, सुरेश, रमेश अग्रवाल, राजकपुर, राजेंद्र प्रमोद, पुनिया, जयपाल, विजेंदर सेन, विजय सिंह, राजपाल, ओमप्रकाश दर्जी, राजेंद्र जाँगिड, गिरधारी, जगदीश, रामसिंह, दुलीचंद, मेहरसिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
सवालों के घेरे में जलदाय विभाग
ग्रामीणों का आरोप है कि जलदाय विभाग इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सात दिन के अंदर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे ओर मजबूरन उन्हें सिंघाना- झुंझुनू राजमार्ग अवरुद्ध करना पड़ेगा।