इज़राइल फ़िलिस्तीन संघर्ष: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम फिर से होने की उम्मीदों को झटका लगा है. इजरायल ने कहा है कि वह अपनी टीम को दोहा से वापस बुला रहा है, वहीं घटनाक्रम से परिचित एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने भी कहा है कि युद्ध विराम वार्ता पूरी तरह से रुक गई है.
इजरायली सेना की ओर से गाजा में फिर से बम बरसाए जा रहे हैं, वहीं, गाजा से भी इजरायल से पर रॉकेट छोड़े जा रहे हैं. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, हमास ने कहा है कि उत्तरी गाजा में शुक्रवार (1 दिसंबर) को तड़के संघर्ष विराम की समाप्ति के बाद से इजरायली हमलों में अब तक 240 लोग मारे गए हैं.
इजरायल और हमास के बीच रुक गई संघर्ष विराम वार्ता
इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम के लिए कतर ने मध्यस्थता की थी, जिसे अमेरिका और मिस्र का समर्थन प्राप्त था. शनिवार (2 दिसंबर) को इजरायल ने कहा कि वह नए सिरे से संघर्ष विराम के उद्देश्य से की जा रही वार्ता में गतिरोध पैदा होने के बाद दोहा से अपने वार्ताकारों को वापस बुला रहा है.
इजरायली नेता के कार्यालय ने कहा, ”बातचीत में गतिरोध के बाद और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के निर्देश पर मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया ने दोहा में अपनी टीम को इजरायल लौटने का आदेश दिया है.”
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध विराम के प्रयासों से परिचित एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने बताया है कि बातचीत पूरी तरह से रुकी हुई है और मानवीय संघर्ष विराम तक पहुंचने के लिए फिलहाल कोई संपर्क या प्रयास नहीं हो रहा है. वहीं, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संघर्ष विराम की समाप्ति का आरोप लगाया है.
संघर्ष विराम की तलाश के लिए कतर का दौरा करेंगे इमैनुएल मैक्रों
इस बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सभी बंधकों को छोड़ने के लिए स्थायी युद्धविराम तक पहुंचने के लिए प्रयास तेज करने की अपील की है. साथ ही कहा है कि वह कतर का दौरा करेंगे. मैक्रों ने सीओपी28 समिट में बोलते हुए कहा है कि वह इजरायल और हमास के बीच नए संघर्ष विराम की तलाश के लिए कतर की यात्रा करेंगे.
उन्होंने कहा कि गाजा के लोगों को वह सहायता पहुंचना भी जरूरी है जिसकी उन्हें तत्काल आवश्यकता है. मैक्रों ने यह भी कहा कि हमास को पूरी तरह से खत्म करने के इजरायल के उद्देश्य को स्पष्ट करने की जरूरत है क्योंकि इससे दस साल तक युद्ध चल सकता है.
युद्ध शुरू होने के बाद से खान यूनिस में सबसे भारी बमबारी- गाजावासियों का दावा
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना का कहा है कि उसने रात भर में 400 से ज्यादा लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिसमें दक्षिणी खान यूनिस क्षेत्र भी शामिल है, जहां से पिछले महीने में हजारों नागरिकों को निकाला गया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक हफ्ते के युद्ध विराम की समाप्ति के बाद इजरायल ने गाजा पर अपनी बमबारी फिर से शुरू कर दी है, जिसमें पूरे क्षेत्र को निशाना बनाया गया है.
बीबीसी के मुताबिक, खान यूनिस के निवासियों का कहना है कि दक्षिणी शहर ने युद्ध की शुरुआत के बाद से सबसे भारी बमबारी देखी है. शहर के पूर्वी इलाकों के लोगों को इजरायली सेना ने दक्षिण में रफाह में जाने के लिए कहा है.
अलजजीरा के मुताबिक, 7 अक्टूबर से गाजा में कम से कम 15,207 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं इजरायल में आधिकारिक तौर पर मरने वालों का आंकड़ा लगभग 1,200 है.
गाजा में मानवीय स्थिति निराशाजनक
सहायता एजेंसियों का कहना है कि गाजा में मानवीय स्थिति निराशाजनक बनी हुई है. लोग भोजन और पानी समेत बुनियादी आपूर्ति की कमी के बीच जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अस्पतालों में भीड़ हैं, जो सीमित संसाधनों के साथ काम कर रहे हैं. इस बीच फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कहा है कि संघर्ष विराम खत्म होने के बाद सहायता ट्रकों का पहला बैच गाजा में प्रवेश कर गया है.
अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए- कमला हैरिस
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि इजरायल को हमास के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है लेकिन अंतरराष्ट्रीय और मानवीय कानून का सम्मान किया जाना चाहिए. इससे कुछ घंटे पहले सीओपी28 जलवायु शिखर सम्मेलन के मौके पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सिसी के साथ अपनी बैठक के दौरान कमला हैरिस ने कहा था कि अमेरिका फिलिस्तीनियों के जबरन रिलोकेशन (स्थानांतरण) की अनुमति नहीं देगा.
हैरिस ने कहा कि इजरायल को नागरिकों की सुरक्षा के लिए और प्रयास करना चाहिए और बहुत सारे फिलिस्तीनी मारे गए हैं. उन्होंने कहा, ”इसलिए हम सभी चाहते हैं कि यह संघर्ष जल्द से जल्द खत्म हो और इजरायल की सुरक्षा, साथ ही फिलिस्तीनी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो. हमें स्थायी शांति लाने के प्रयासों में तेजी लानी चाहिए.”
अब तक हमास के चंगुल से कितने बंधक छूटे?
इजरायल और हमास के बीच एक हफ्ते के युद्ध विराम के दौरान हमास ने 110 लोगों को छोड़ दिया. इन्हें हमास ने 7 अक्टूबर के अपने हमले के दौरान बंधक बनाया था. वहीं, समझौते के तहत इजरायल की जेलों से 240 फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा किया गया.
हमास की ओर से छोड़े गए बंधकों में से 78 इजरायली महिलाएं और बच्चे थे, जबकि तीन रूसी-इजरायली, दो महिलाएं और एक पुरुष जो समझौते में शामिल नहीं थे, उन्हें भी छोड़ दिया गया. वहीं, हमास और थाई सरकार के बीच एक अलग समझौते के तहत 23 थाई बंधकों और फिलिपीन के एक बंधक को भी छोड़ा गया.