गाजा, 29 जून: गाजा पट्टी में इजराइल द्वारा किए गए ताजा हवाई हमलों में कम से कम 72 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। गाजा के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। हमलों की सबसे दर्दनाक घटना दक्षिणी गाजा के खान यूनिस क्षेत्र के मुवासी में हुई, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्य—तीन बच्चे और उनके माता-पिता—अपना जीवन गंवा बैठे। परिजनों के अनुसार हमला रात को सोते समय हुआ, जब सभी गहरी नींद में थे।
मृत बच्चों की दादी सुआद अबू तेइमा ने गहरे दुख के साथ सवाल किया कि आखिर इन मासूमों का क्या दोष था, जिन्होंने अभी दुनिया को ठीक से समझा भी नहीं था। मुवासी में बने तंबुओं के अस्थायी शिविरों को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में आसपास के कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं।
गाजा सिटी में स्थित फलस्तीन स्टेडियम के पास भी इजराइली हमलों में 12 लोगों की मौत हुई। यह स्थान विस्थापित लोगों का अस्थायी आश्रय केंद्र बना हुआ था। मृतकों के शव शिफा अस्पताल लाए गए हैं, जहां अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हालात बेहद भयावह हैं और लगातार शवों की संख्या बढ़ रही है।
इसके अलावा, गाजा के नासिर अस्पताल में 20 से अधिक शवों को लाया गया है। शनिवार को पूर्वी गाजा की एक सड़क पर हुए एक अन्य हमले में 11 लोगों की जान चली गई, जिनके शव अल-अहली अस्पताल में रखवाए गए हैं।
इजराइली हमले शनिवार देर रात शुरू हुए और रविवार सुबह तक जारी रहे। इन हमलों ने गाजा में भय और अस्थिरता का माहौल और भी गहरा कर दिया है।
यह घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब अमेरिका की ओर से संघर्षविराम के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए उम्मीद जताई कि इजराइल और हमास के बीच अगले सप्ताह संघर्षविराम समझौता हो सकता है। एक अमेरिकी अधिकारी ने जानकारी दी कि इजराइल के सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डेरमर अगले सप्ताह वाशिंगटन पहुंचेंगे, जहां वे गाजा संघर्ष, ईरान और अन्य मुद्दों पर अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
इस बीच, गाजा में लगातार हो रही बमबारी से स्थानीय स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। अस्पतालों में बेड, दवाओं और जरूरी उपकरणों की भारी कमी है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं गाजा में मानवीय संकट को लेकर गहरी चिंता जता चुकी हैं।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब वैश्विक निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अमेरिका और इजराइल के बीच प्रस्तावित बातचीत कोई ठोस शांति समाधान की ओर बढ़ पाएगी या नहीं।