खैबर पख्तूनख्वा, पाकिस्तान: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए एक विशेष ड्रोन हमले में सुरक्षा बलों ने 12 आतंकवादियों को मार गिराया। इस हमले में कुछ निर्दोष नागरिकों की भी मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हो सकते हैं।
मरदान जिले के कटलांग के सुदूर पहाड़ी इलाके में आतंकवाद-रोधी अभियान के तहत यह हमला किया गया। प्रांतीय सरकार ने इस संबंध में एक प्रेस नोट जारी कर जानकारी दी।

प्रेस नोट में नागरिकों की मौत की पुष्टि
प्रेस नोट के अनुसार, सुरक्षा बलों को खुफिया एजेंसियों से आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर ड्रोन हमला किया गया। सरकार ने पुष्टि की कि इस हमले में 12 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें कई उच्च स्तर के आतंकवादी भी शामिल हैं।
हालांकि, दुर्भाग्यवश इस हमले में कुछ निर्दोष नागरिकों की भी जान चली गई। प्रेस नोट में कहा गया कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने घटना को बताया दुखद
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को निशाना बनाने के इस ऑपरेशन में निर्दोष नागरिकों की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
गंदापुर ने कहा, “हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। सरकार घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था करेगी और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।”
सीएम के सूचना सलाहकार ने जताया शोक
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों की मौत आतंकवादियों को निशाना बनाने के प्रयास के दौरान हुई एक दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।
सैफ ने कहा, “सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। हमारी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और ऐसे ऑपरेशन के दौरान किसी भी निर्दोष की जान न जाए, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।”

नागरिकों की मौत की होगी जांच
प्रांतीय सरकार ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। देर रात जारी एक अन्य प्रेस नोट में कहा गया कि स्वतंत्र जांच समिति नागरिकों की मौत के कारणों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसे ऑपरेशनों के दौरान नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।