पेरिस, फ्रांस: पेरिस ओलंपिक 2024 में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने खेल जगत को हिलाकर रख दिया है। परागुआयन स्विमर लुआना अलोंसो को ओलंपिक से कथित तौर पर उनकी खूबसूरती के कारण बाहर कर दिया गया। हालांकि, लुआना ने इन आरोपों को खारिज किया है और ओलंपिक से पहले ही अपने करियर से संन्यास ले लिया है।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि लुआना अलोंसो को ओलंपिक विलेज से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उनकी खूबसूरती अन्य खिलाड़ियों का ध्यान भटका रही थी। यह भी दावा किया गया कि उनके छोटे कपड़े और बेबाक व्यवहार ने टीम के माहौल को खराब कर दिया था।
परागुआयन ओलंपिक समिति की प्रमुख लारिसा शेरर ने द सन को दिए एक इंटरव्यू में इन दावों को बल दिया था। उन्होंने कहा था कि लुआना अलोंसो अपनी टीम को छोड़कर डिज्नीलैंड पेरिस घूमने चली गई थीं और उन्होंने परागुआयन की ऑफिशियल किट के बजाय अपने खुद के कपड़े पहने थे।
लुआना अलोंसो ने खारिज किए आरोप
इन आरोपों के सामने आने के बाद लुआना अलोंसो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से इनका खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह सब झूठ है और वह इससे प्रभावित नहीं होंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें ओलंपिक से नहीं निकाला गया है।
ओलंपिक से पहले लिया संन्यास
हालांकि, लुआना अलोंसो ने महिलाओं की 100 मीटर बटरफ्लाई सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करने के तुरंत बाद अपने करियर से संन्यास ले लिया। उन्होंने कहा कि 18 साल तक तैराकी के बाद अब वह इस खेल से भावनात्मक रूप से जुड़ चुकी हैं और उन्हें खुशी है कि उनका आखिरी मुकाबला ओलंपिक में हुआ।
उठ रहे सवाल
लुआना अलोंसो के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या किसी एथलीट को उसकी खूबसूरती के आधार पर ओलंपिक से बाहर किया जा सकता है? क्या एक एथलीट को अपने कपड़ों और व्यवहार के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है? क्या ओलंपिक में केवल खेल पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए या अन्य कारकों को भी महत्व दिया जाना चाहिए?