नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत नौ नेताओं की सुरक्षा से एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडो को हटाया जाएगा। उनकी जगह अब सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
नई बटालियन की मंजूरी
गृह मंत्रालय ने इस निर्णय के साथ ही प्रशिक्षित कर्मियों की एक नई बटालियन को मंजूरी दी है। यह बटालियन हाल ही में संसद की सुरक्षा से हटाए गए कर्मियों से जुड़ी होगी और इसे सीआरपीएफ के अंतर्गत लाने की तैयारी है।
एनएसजी का वीआईपी सुरक्षा में बदलाव
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने एनएसजी को वीआईपी सुरक्षा से पूरी तरह हटाने का निर्णय लिया है। अब तक जिन नौ वीआईपी की सुरक्षा में ये कमांडो तैनात थे, उनकी सुरक्षा का दायित्व अब सीआरपीएफ के जवानों पर होगा। इन नेताओं में प्रमुखता से यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हैं।
संरक्षित नेताओं की सूची
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, बसपा सुप्रीमो मायावती, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, गुलाम नबी आजाद, फारुक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में भी एनएसजी कमांडो तैनात थे, जिनकी सुरक्षा अब सीआरपीएफ संभालेगी।
ASL प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी
जिन नौ वीआईपी की सुरक्षा से एनएसजी कमांडो हटाए जा रहे हैं, उनमें राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ का ASL (एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइनों) प्रोटोकॉल भी है। इस प्रोटोकॉल के तहत जब कोई वीआईपी किसी स्थान पर पहुंचता है, तो उस स्थान की सुरक्षा की जांच और छानबीन की जाती है। अब यह जिम्मेदारी भी सीआरपीएफ के पास होगी। अभी तक सीआरपीएफ अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और गांधी परिवार के लिए ये करती है।