नई दिल्ली, 26 जुलाई 2024: आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस मना रहा है, जो 1999 में भारत की जीत की याद दिलाता है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कहा, “कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए किए बलिदान अमर होते हैं। सदियां गुजरती हैं, लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं। यह देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का ऋणी है।”
पीएम मोदी के प्रेरणादायक शब्द
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कारगिल युद्ध के समय को याद किया और कहा, “मेरा सौभाग्य है कि कारगिल युद्ध के वक्त मैं सामान्य देशवासी की तरह अपने सैनिकों के बीच था। वे स्मृति मेरे मन में ताजा हो गई है। मुझे याद है कि हमारी सेना ने इस ऊंचाई पर इतने कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया था। कारगिल में हमने केवल युद्ध ही नहीं जीता था, बल्कि हमने सत्य, संयम और सामर्थ का अद्भुत परिचय दिया था। भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था, लेकिन बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वसनीय चेहरा दिखाया। हालांकि असत्य और आतंक की हार हु़ई।”
सेना के लिए सुधार और आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत अब एक रक्षा निर्यातक के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा, “सेनाओं ने 5000 से ज्यादा उपकरणों की लिस्ट बनाकर तय किया है कि ये उपकरण अब बाहर से नहीं मंगाए जाएंगे। डिफेंस सेक्टर में रिफॉर्म के लिए भी बीते कुछ साल में कई साहसिक फैसले लिए गए हैं। इसका उदाहरण अग्निपथ स्कीम भी है।”
अग्निपथ योजना और युवा सशक्तिकरण
पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए कहा, “अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना, सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य भाव में रखना है। दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने अहम विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है।”
भ्रम और सच्चाई
पीएम ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों की समझ को क्या हुआ, उनकी सोच को क्या हो चुका है। ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिये योजना लाई है। मैं पूछना चाहता हूं कि मोदी के शासन काल में जो भर्ती होगा क्या उसे आज ही पेंशन देनी होगी? 30 साल बाद जब पेंशन देनी होगी तो मोदी तो 105 साल का होगा।”
सैनिकों की परवाह
पीएम मोदी ने कहा, “जो लोग देश के युवाओं को गुमराह कर रहे हैं उनका इतिहास है कि उन्हें सैनिकों की कोई परवाह नहीं है। इन्होंने 500 करोड़ दिखा कर वन रैंक वन पेंशन पर झूठ बोला। हमने इसे लागू किया। ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के साथ दशक बाद भी सेनाओं की मांग होने के बाद भी शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल नहीं बनाया था। ये वही लोग हैं जिन्होंने सीमा पर तैनात हमारे जवानों को पर्याप्त बुलेट प्रूफ जैकेट भी नहीं दी थी।”