भोपाल, 25 अगस्त। मध्यप्रदेश कांग्रेस में नया विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और वरिष्ठ नेता कमल नाथ खुले तौर पर आमने-सामने आ गए हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल और तेज कर दी है।
दिग्विजय सिंह का बड़ा दावा
एक इंटरव्यू में दिग्विजय सिंह ने खुलासा किया कि 2020 में कांग्रेस सरकार गिरने के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया की ‘विश लिस्ट’ की अनदेखी थी। उन्होंने बताया कि एक उद्योगपति के घर पर हुई मीटिंग में उन्होंने और सिंधिया ने मिलकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से जुड़े मुद्दों की लिस्ट कमल नाथ को सौंपी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। दिग्विजय ने दावा किया कि उन्होंने उसी समय चेतावनी दी थी कि अगर यह मुद्दे नहीं सुलझे तो सरकार गिर सकती है।
कमल नाथ का पलटवार
इस बयान के तुरंत बाद कमल नाथ ने सोशल मीडिया पर दिग्विजय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पुरानी बातें दोहराने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन यह सच है कि सिंधिया को लगता था कि सरकार दिग्विजय चला रहे हैं और इसी नाराजगी के चलते वे 22 विधायकों के साथ बीजेपी में चले गए। कमल नाथ ने यह भी इशारा किया कि दिग्विजय की राजनीतिक भूमिका ने ही सिंधिया को बगावत के लिए मजबूर किया।
सिंधिया की खामोशी और नई अटकलें
इस विवाद पर जब मीडिया ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से सवाल किया तो उन्होंने अतीत पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनकी यह खामोशी सियासी हलकों में कई सवाल खड़े कर रही है। क्या वह पुराने जख्मों को नहीं कुरेदना चाहते या फिर इसके पीछे कोई नई राजनीतिक रणनीति है?
मंच पर मुलाकात, लेकिन दूरी बरकरार
हाल ही में एक स्कूल के उद्घाटन समारोह में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आमने-सामने आए। मंच पर मौजूद सिंधिया खुद नीचे उतरकर दिग्विजय का हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर ले आए। हालांकि दिग्विजय ने इसे हल्के अंदाज में टालते हुए कहा कि उन्हें दर्शकों में बैठना ही पसंद है।
कांग्रेस में खींचतान, पर प्रदेश अध्यक्ष ने दी सफाई
इस विवाद पर प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि दिग्विजय और कमल नाथ के बीच गहरा स्नेह है। दोनों जानते हैं कि किस मुद्दे को कब उठाना है। इसलिए इस विवाद को ज्यादा तूल देने की जरूरत नहीं है।