कनाडा: कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हिंदू मंदिर में हुए उपद्रव के मामले में कनाडा पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि ब्रैम्पटन निवासी 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया। उस पर हथियार से हमला करने का आरोप है। हालांकि, पुलिस ने कहा कि गोसल को कुछ शर्तों के तहत रिहा कर दिया गया है और उसे बाद में ब्रैम्पटन के ओन्टारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होना है।
गोसल की गिरफ्तारी 8 नवंबर को ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में हुए एक प्रदर्शन के बाद की गई। इस प्रदर्शन में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला किया था, जिससे हिंसा भड़क गई। प्रदर्शन के दौरान विरोध प्रदर्शन शारीरिक हिंसा में बदल गया, जिसमें लोगों ने झंडों और लाठियों का इस्तेमाल किया।
गुरपतवंत पन्नू से जुड़ा है गोसल का नाम
गोसल को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के जनरल काउंसल गुरपतवंत पन्नू का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। पन्नू खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों के प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक हैं और 18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही गोसल ने उनकी जगह जनमत संग्रह के कनाडाई आयोजक के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। गोसल ने निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों को लेकर मुख्य जिम्मेदारी संभाली थी।
पुलिस जांच और गिरफ्तारियां
पुलिस ने 3 और 4 नवंबर को हुई घटनाओं की जांच के लिए एक रणनीतिक जांच दल का गठन किया है। पीआरपी ने बताया कि इन जांचों में समय लगता है, लेकिन जैसे ही संदिग्धों की पहचान होती है, गिरफ्तारियां की जाती हैं। पुलिस ने कहा है कि कई घटनाओं का वीडियो रिकॉर्ड किया गया है, जबकि अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव के बीच
कनाडा में यह घटनाएँ उस समय हो रही हैं, जब भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खलल आया है। कनाडा की पुलिस के अनुसार, इंद्रजीत गोसल उन 13 कनाडाई लोगों में से एक थे, जो खालिस्तान समर्थक तत्वों के लिए हिंसक आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। भारत ने कनाडा के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया जताते हुए छह कनाडाई राजनयिकों और अधिकारियों को देश से वापस बुला लिया और छह को निष्कासित कर दिया।
कनाडा और भारत के बीच तनाव का यह नया मोड़ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक जटिल बना सकता है। पुलिस जांच और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है, और यह मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी अधिक ध्यान आकर्षित कर रहा है।