मंडी, हिमाचल प्रदेश: चुनावी समर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी कंगना पूरे जोश में नज़र आईं। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य पर तीखे प्रहार करते हुए, कंगना ने अपनी और विक्रमादित्य की योग्यता और विरासत के बीच अंतर स्पष्ट करने का प्रयास किया।
जयराम ठाकुर के लिए इस्तेमाल हो रहे शब्दों की निंदा
मंडी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए, कंगना ने कांग्रेस के प्रत्याशी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए प्रयुक्त अपशब्दों की कड़ी निंदा की। उन्होंने मंच से वादा किया कि वे इन बयानों का करारा जवाब देंगी और जनता से अपील की कि वे विक्रमादित्य को सबक सिखाएं।
योग्यता और विरासत का फर्क समझाया
कंगना ने अपनी अर्जित योग्यता और विक्रमादित्य की विरासत में मिली ताकत के बीच अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “विक्रमादित्य जमानत पर बाहर हैं, और मुझे अपवित्र कहते हैं क्योंकि मैंने फिल्मों में काम किया है। मैंने अपनी योग्यता पर चार राष्ट्रीय पुरस्कार और पद्म श्री पाया है। तुम अपने मां-बाप के नाम पर नहीं, अपने नाम पर वोट मांगो, तुम्हारी जमानत जब्त हो जाएगी।”
कांग्रेसियों को खुली चुनौती
कंगना ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी खुली चुनौती दी। दहाड़ते हुए उन्होंने कहा, “मुझे विक्रमादित्य ने कहा जिस मंदिर में भी जाए उसे साफ करो। ये कांग्रेसी हिमाचल की लड़कियों का रेट पूछते हैं। अगर ये चंपू कहीं मिल जाएं, तो इन्हें थप्पड़ मारना। लड़कियां तो छोड़ो, एक पहाड़ी चपेड़ पड़ गया न, तो सब्जियों का रेट पूछना भूल जाएंगे।”
जयराम ठाकुर का अपमान नहीं बर्दाश्त
बीजेपी उम्मीदवार ने विक्रमादित्य पर जयराम ठाकुर का अपमान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “आज तक जयराम जी ने कभी मर्यादा नहीं पार की, लेकिन विक्रमादित्य उनके लिए कहता है कि उन्हें डंडा मारेंगे, उन्हें भक्षक कहता है। अगर आज आपके पिताजी होते, तो आपको थप्पड़ मारते और इनसे माफी मांगने को कहते।”
4 जून को बीजेपी के पक्ष में वोट की अपील
कंगना ने सभा के अंत में 4 जून को होने वाले चुनाव में बीजेपी के पक्ष में भारी मतदान की अपील की। उन्होंने कहा, “4 जून को इन्हें ऐसा तमाचा पड़ना चाहिए कि ये महिलाओं और पहाड़ी लड़कियों का अपमान करना भूल जाएं। मुझे पता है कि मातृशक्ति का आशीर्वाद मुझे मिला है। मंडी में ऐसी लीड मिलनी चाहिए कि कोई हमारे चरित्र पर सवाल न उठा सके। मांओं को यह वादा देना है कि ये कहीं मुंह दिखाने लायक न रहें।”