नई दिल्ली: रविवार को भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान थलसेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने एक मंच पर आकर देशवासियों को आश्वस्त किया कि भारत की सुरक्षा में किसी प्रकार की सेंध लगाने की कोशिश को सख्ती से नाकाम कर दिया गया है।
ड्रोन और UAV से हमला: पाकिस्तान की दुस्साहसिक हरकत
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल ए.के. भारती ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि 8 और 9 मई की रात, स्थानीय समयानुसार 10:30 बजे से पाकिस्तान की ओर से भारतीय शहरों पर एक समन्वित ड्रोन और UAV हमला शुरू किया गया था। यह हमला श्रीनगर से लेकर गुजरात के नलिया तक विस्तृत था।

“हमारी वायु रक्षा प्रणाली सतर्क थी और प्रत्येक हमले को विफल किया गया। दुश्मन का कोई भी लक्ष्य सफल नहीं हो सका,” – एयर मार्शल ए.के. भारती
भारत की प्रतिक्रिया: गुजरांवाला में सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई
एयर मार्शल ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के गुजरांवाला में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों और निगरानी रडार स्थलों को सटीकता से निशाना बनाया। यह प्रतिक्रिया अत्यंत संयमित थी और नागरिक संरचनाओं से बचते हुए केवल सैन्य लक्ष्य साधे गए।
#WATCH | Delhi: Air Marshal AK Bharti says, "On the night of 8th and 9th, starting as early as 22:30 hours, our cities had a mass raid of drones, unmanned aerial vehicles, starting right from Srinagar going right up to Naliya…We were prepared and our air defence preparedness… pic.twitter.com/lbxpkhi0s3
— ANI (@ANI) May 11, 2025
लाहौर से उड़ानें जारी रखना – पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी सामने आया कि हमलों के दौरान भी पाकिस्तान ने लाहौर हवाई अड्डे से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति दी, जो एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना क़दम था। इससे भारतीय सेना को जवाबी कार्रवाई के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी।

भारतीय एयर डिफेंस का पराक्रम: SAMAR और पिकोरा की भूमिका
भारतीय वायुसेना के अनुसार, 8 मई की रात 8 बजे से पाकिस्तानी ड्रोन और UAV लहरों में हमला करते हुए जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डलहौजी और जैसलमेर के सैन्य ठिकानों की ओर बढ़े।
लेकिन भारतीय रक्षा प्रणालियों ने इन्हें सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया। एयर मार्शल ने बताया कि वायुसेना ने ‘पिकोरा’ और ‘IAF SAMAR’ जैसी विरासत प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता की शक्ति को दर्शाता है।