न्यूयॉर्क, अमेरिका: भारत द्वारा हाल ही में किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की संलिप्तता को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर किया जा रहा है। इस कार्य के तहत भारत सरकार ने 7 उच्च स्तरीय डेलिगेशन तैयार किए हैं, जिनमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और राजनयिक शामिल हैं। इन डेलिगेशन का उद्देश्य है – भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों को वैश्विक स्तर पर साझा करना और पाकिस्तान के आतंकवादी समर्थन को लेकर विश्व समुदाय को सतर्क करना।

अमेरिका में डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे हैं शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पहुंचा, जहां उन्होंने भारतीय वाणिज्य दूतावास में संवाददाताओं से बातचीत की और 9/11 स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
थरूर ने कहा,
“हम एक ऐसे शहर में हैं, जिसने खुद आतंकवादी हमले का दर्द झेला है। भारत में जो पहलगाम में हुआ, उसका उद्देश्य स्पष्ट रूप से धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना था। यह केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है।”
#WATCH | New York, US: On paying tribute at 9/11 Memorial, Congress MP Shashi Tharoor says, " We went to the 9/11 Memorial to give out a message that New York has also suffered terror attack 20 years back and we have the same experience. We want them to understand that there is a… pic.twitter.com/wOZEKQCfz3
— ANI (@ANI) May 25, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में आतंकी ठिकानों को किया गया नष्ट
शशि थरूर ने वाणिज्य दूतावास में बताया कि कैसे भारतीय सुरक्षा बलों ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर नष्ट किया। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के रणनीतिक कमांड सेंटर्स को तबाह किया गया।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का यही समय है।
“भारत आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पहलगाम हमले के जरिए देश में हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह हर ऐसी साजिश को मुंहतोड़ जवाब देगा।”

9/11 स्मारक पर शशि थरूर का भावुक संदेश
9/11 मेमोरियल पर जाकर प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। थरूर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा:
“हम यहाँ इसलिए हैं ताकि दुनिया को दिखा सकें कि आतंकवाद से लड़ाई वैश्विक है। न्यूयॉर्क ने 20 साल पहले जो सहा, वही आज भारत भुगत रहा है।”