भजनलाल सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को लेकर नए-नए नवाचार करके दोनों ही विभागों में सुधार करने का प्रयास कर रही है। पिछले कई दिनों से स्वास्थ्य विभाग को लेकर सरकार कुछ ठोस योजना पर काम कर रही है और इस कड़ी में अब सरकारी डॉक्टर्स को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के ऐसे सभी डॉक्टर्स, जो नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) उठा रहे हैं उनकी रिपोर्ट मांगी है।
सभी डॉक्टर्स की रिपोर्ट मांगी
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सीएमएचओ, प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों और संयुक्त निदेशकों से इसकी रिपोर्ट मांगी है। इन डॉक्टरों की सूची पीएचसी-सीएचसी के अलावा जिला, उपजिला, सैटेलाइट हॉस्पिटल में भी चिपकाने के आदेश दिए है। (Health Department Rajasthan) अगर जांच के दौरान पाया जाता है कि कोई डॉक्टर एनपीए लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करता मिला तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
प्राइवेट प्रैक्टिस के नाम से वसूली
दरअसल, राज्य सरकार को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि कई डॉक्टर सरकार से एनपीए लेकर भी घर और क्लिनिक पर मरीजों से फीस वसूल रहे हैं। इस कारण हॉस्पिटलों में डॉक्टर शाम या रात की ड्यूटी करने से भाग रहे हैं। वहीं, कई डॉक्टर ड्यूटी के समय भी हॉस्पिटल से गायब रहते हैं, और घर पर मरीजों को देखकर मोटी रकम वसूल रहे हैं।
हॉस्पिटल के बाहर लगानी होगी सूची
विभाग ने हर हॉस्पिटल में वहां काम करने वाले डॉक्टरों की लिस्ट लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एनपीए ले रहे डॉक्टर्स के बारे में भी बताना होगा। विभाग के अनुसार डॉक्टरों को बेसिक का 20 फीसदी एनपीए के रूप में मिलता है और कई दोनों का फायदा उठा रहे हैं। एनपीए लेने के बाद अगर कोई मरीज डॉक्टर के घर या क्लिनिक पर आता है तो उस डॉक्टर को मरीज को फ्री में परामर्श देने के साथ पर्ची पर नि:शुल्क परामर्श की सील लगानी होगी।
अब होगी कार्यवाही
एनपीए लेने वाले डॉक्टर अगर घर या निजी क्लिनिक में प्रैक्टिस करते है तो उनके खिलाफ कार्यवाही होगी। जांच के दौरान कोई लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ निदेशालय स्तर से कार्यवाही होगी।