जम्मू-कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही, वे केंद्र शासित प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। यह ऐतिहासिक पल जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनावों के परिणामस्वरूप आया है, जहां उनकी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ने सबसे अधिक 42 सीटें जीतीं।
चुनाव परिणाम और नई सरकार की आवश्यकता
जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में आईएनडीआईए को बहुमत मिला। कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं, जबकि सीपीआई (एम) को एक सीट मिली। सरकार बनाने के लिए कुल 48 सीटों की आवश्यकता होती है, जिसमें पांच नॉमिनेट विधायकों को भी शामिल किया गया है।
उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक सफर
उमर अब्दुल्ला, डॉ. फारूक अब्दुल्ला के बेटे और शेख अब्दुल्ला के पोते हैं। उनका जन्म 10 मार्च, 1970 को इंग्लैंड में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत के एक बोर्डिंग स्कूल से प्राप्त की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद की शिक्षा उन्होंने लंदन से पूरी की।
उमर ने अपने पिता की तरह राजनीति में कदम रखा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और राज्य की समस्याओं के समाधान के लिए कई पहलों की शुरुआत की।
व्यक्तिगत जीवन
उमर अब्दुल्ला ने साल 1994 में पायल नाथ से शादी की थी। हालांकि, उनका संबंध ज्यादा समय तक नहीं चल सका, और 2011 में उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी थी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि वे और उनकी पत्नी अलग हो रहे हैं। उनके दो बेटे हैं – जहीर अब्दुल्ला और जमीर अब्दुल्ला। तलाक की स्थिति को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उमर और पायल के बीच का संबंध समाप्त हो गया है।