लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ रही है, लेकिन साइबर ठगों के खतरे को लेकर निर्वाचन आयोग सतर्क है। निर्वाचन से जुड़े डेटा के लीक होने की संभावना बढ़ रही है, जिससे साइबर ठगी का खतरा बढ़ सकता है। इस खतरे को समझते हुए, आयोग ने तत्काल रूप से जिला निर्वाचन अधिकारियों को पासवर्ड बदलने का निर्देश दिया है। इस तरह की छोटी सी चूक से बड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए आयोग सतर्क है।
चुनाव की तैयारियों में साइबर सुरक्षा को महत्व दिया जा रहा है
कौशांबी और प्रतापगढ़ लोकसभा के चुनाव के लिए तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का पहला आनलाइन रेंडमाइजेशन कर नंबर के हिसाब से स्ट्रांग रूम में सुरक्षित किया गया है। इसके अलावा, अन्य चुनाव संबंधी पोर्टल भी हैं, जिनके लिए अलग-अलग पासवर्ड हैं। आयोग ने साइबर सुरक्षा को महत्व देते हुए इन सभी पोर्टलों की सुरक्षा को दोबारा से परखा है।
डेटा लीक होने की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, आशंका जताई गई है कि चुनाव ड्यूटी प्रबंधन पोर्टल और ईवीएम-2 से संबंधित डेटा लीक हो सकता है। जनपद में चुनाव प्रबंधक पोर्टल पर हजारों कर्मचारियों का डेटा है, जिसमें उनके नाम, पता, और बैंक खाता संख्या भी शामिल हैं। ऐसी स्थिति में डेटा का लीक होना बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है।
आयोग की कार्रवाई
बताया गया कि ऐसी किसी भी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तुरंत पासवर्ड बदला जाए। इसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू हो गई है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया कि निर्वाचन आयोग से जो भी दिशा निर्देश मिल रहा है, आयोग के द्वारा जारी दिशा निर्देश का अनुपालन किया जा रहा है।