इस्लामाबाद, पाकिस्तान: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों का प्रदर्शन राजधानी इस्लामाबाद में हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। स्थिति को काबू में करने के लिए पाकिस्तान की केंद्र सरकार ने इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी है। प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं।
डी-चौक पर डटे प्रदर्शनकारी
जियो न्यूज के अनुसार, इमरान खान के समर्थक इस्लामाबाद के डी-चौक तक पहुंच गए हैं। यह इलाका राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, सुप्रीम कोर्ट और संसद भवन के निकट है, जिससे सुरक्षा के मद्देनजर हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। प्रदर्शनकारी इमरान खान की रिहाई की मांग पर अड़े हैं। पार्टी के नेताओं ने कहा है कि जब तक इमरान खान को रिहा नहीं किया जाता, वे डी-चौक से नहीं हटेंगे।
बुशरा बीबी का संबोधन
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “जब तक इमरान खान खुद आकर अगली रणनीति का खुलासा नहीं करते, तब तक कोई यहां से न हटे।” उनके इस बयान के बाद प्रदर्शनकारियों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।
गृह मंत्री मोहसिन नकवी का बयान
गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारियों को डी-चौक पहुंचने से रोकने का दावा किया। उन्होंने कहा, “सरकार ने प्रदर्शनकारियों को अन्य स्थानों पर प्रदर्शन करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। प्रदर्शनकारियों के बीच एक गुप्त नेतृत्व है, जो हिंसा को भड़का रहा है।” नकवी ने हिंसा को लेकर इमरान खान की पार्टी पर आरोप लगाया और इसे साजिश बताया।
पुलिस और रेंजर्स पर हमले
गृह मंत्री ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और रेंजर्स पर कई स्थानों पर हमला किया।
- हकला इंटरचेंज: झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई।
- श्रीनगर हाईवे: एक वाहन की टक्कर से चार रेंजर्स की जान चली गई और पांच अन्य घायल हुए।
- रावलपिंडी के चुंगी नंबर 26: प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी मारे गए।
पंजाब पुलिस ने कहा कि 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें पुलिस और रेंजर्स शामिल हैं।
प्रदर्शन के पीछे पीटीआई का नेतृत्व
रविवार को पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और बुशरा बीबी के नेतृत्व में विरोध मार्च शुरू किया। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने सेना को बुला लिया। सरकार ने कहा कि प्रदर्शन को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, चाहे कर्फ्यू ही क्यों न लगाना पड़े।