नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से चल रहे भीषण युद्ध के बाद इजरायल-लेबनान ने आपसी सहमति से युद्धविराम समझौता किया है। यह समझौता 27 नवंबर की आधी रात से लागू होगा। इस ऐतिहासिक कदम का भारत सहित कई देशों ने स्वागत किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस फैसले को क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
भारत का स्वागत और प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “हम इजरायल और लेबनान के बीच घोषित युद्धविराम का स्वागत करते हैं। भारत ने हमेशा तनाव कम करने, संयम बरतने और कूटनीति के माध्यम से समाधान निकालने का समर्थन किया है। हमें उम्मीद है कि इस घटनाक्रम से व्यापक क्षेत्र में स्थिरता आएगी।”
We welcome the ceasefire between Israel and Lebanon that has been announced. We have always called for de-escalation, restraint and return to the path of dialogue and diplomacy. We hope these developments will lead to peace and stability in the wider region: MEA pic.twitter.com/b2nZattv63
— ANI (@ANI) November 27, 2024
सीजफायर के प्रावधान और शर्तें
इजरायल और लेबनान के बीच हुए इस समझौते के तहत:
- 60 दिनों का युद्धविराम: दोनों पक्ष 60 दिनों तक संघर्ष विराम का पालन करेंगे।
- सैनिकों की वापसी: इजरायली सेना लेबनान के क्षेत्र से पीछे हटेगी और हिजबुल्लाह के लड़ाके इजरायल की सीमा से दूर होंगे।
- समझौते का उल्लंघन: यदि हिजबुल्लाह युद्धविराम तोड़ता है, तो इजरायल को जवाबी कार्रवाई का अधिकार होगा। हालांकि, लेबनान ने इस प्रावधान पर आपत्ति जताई है।
हिजबुल्लाह ने प्रारंभिक रूप से इस समझौते का समर्थन किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच शांति स्थापित होने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस समझौते को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह मध्य पूर्व के लिए सकारात्मक खबर है। मैंने इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बातचीत की है, और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों पक्षों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।”
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भी इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि अब गाजा में युद्धविराम, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंध हटाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
#WATCH | Prime Minister Benjamin Netanyahu says, "The length of the ceasefire depends on what happens in Lebanon. We will enforce the agreement and respond forcefully to any violation. We will continue united until victory."
— ANI (@ANI) November 26, 2024
Source: Prime Minister of Israel 'X' handle pic.twitter.com/VRJeCpqHHi
क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की ओर बढ़ता कदम
विश्लेषकों का मानना है कि यह युद्धविराम केवल इजरायल और लेबनान के बीच ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता लाने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। हालांकि, इस समझौते के सफल कार्यान्वयन के लिए दोनों पक्षों का सहयोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सतर्क निगरानी आवश्यक होगी।