इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष में एक बार फिर से गाजा में भीषण हवाई हमला हुआ है। गाजा के अल नुसीरत इलाके में स्थित एक स्कूल को निशाना बनाया गया, जिससे वहां भारी विनाश हुआ है। इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हमले के तुरंत बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिनमें स्कूल को पूरी तरह से मलबे में बदलते हुए देखा जा सकता है। वहां खड़ी गाड़ियां भी इस हमले में क्षतिग्रस्त हो गईं।
इजरायल का बयान: आतंकवादियों को निशाना बनाने का दावा
इजरायल ने इस हमले के बाद बयान जारी करते हुए दावा किया कि उन्होंने आतंकवादियों को निशाना बनाया है। इजरायल का कहना है कि वे आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करने के उद्देश्य से यह हमला कर रहे थे। लेकिन यह भी सामने आया है कि उस स्कूल में महिलाएं और बच्चे भी थे।
फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसायटी ने हमले के बाद वीडियो जारी किया है जिसमें घायलों को अस्पताल में भर्ती कराते हुए दिखाया गया है। सूत्रों के अनुसार, मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस स्कूल को लोगों के लिए सुरक्षित स्थान माना जाता था और यहां हमला नहीं होना चाहिए था। प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हमने बच्चों के शवों को देखा, जो वहां खेल रहे थे।”
अमेरिकी प्रस्ताव के बाद भी हमला
इस हमले के बाद एक और विवाद खड़ा हो गया है। हमास ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से अमेरिका के प्रस्ताव को मान लिया था और इजरायली बंधकों को रिहा करने की बातचीत शुरू की थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत जारी थी। लेकिन इस बीच इजरायल ने हमला कर दिया, जिससे सीजफायर की आशंका फिर से बढ़ गई है।
दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन
इजरायल के हमलों के खिलाफ दुनियाभर में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। जॉर्डन की राजधानी अम्मान और ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। अम्मान में हजारों लोगों ने अपनी सरकार से इजरायल के साथ समझौते को रद्द करने की मांग की है। वहीं, इजरायल के तेल अवीव में भी शनिवार को बंधकों की रिहाई के लिए लोग इकट्ठा हुए और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।