इजराइल/ईरान: 3 जून को इजराइल ने ईरान के खिलाफ एक जबरदस्त सैन्य हमला कर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नामक इस सैन्य अभियान के तहत इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान को भारी क्षति हुई है। इजराइल ने दावा किया है कि उसने ईरान की परमाणु क्षमताओं को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया है।

ईरान के दो शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए
इजराइली हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
- आईआरजीसी चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल होसैन सलामी
- आईआरजीसी जनरल घोलम-अली रशीद
स्थानीय मीडिया ‘तस्नीम न्यूज एजेंसी’ के अनुसार, मेजर जनरल सलामी IRGC के मुख्यालय पर हुए इजराइली हमले में मारे गए। ये दोनों अधिकारी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बेहद करीबी माने जाते थे और ईरानी सैन्य नीति के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल थे।
दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों की मौत
इजराइल का हमला केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहा। उसने ईरान के दो प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को भी टारगेट कर मार गिराया है:
- डॉ. मोहम्मद तेहरांची
- डॉ. फेरेयदून अब्बासी
इन दोनों वैज्ञानिकों की हत्या से ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को गहरा झटका लगा है। विश्लेषकों का मानना है कि इससे ईरान का न्यूक्लियर मिशन वर्षों पीछे चला गया है।
हमला क्यों? इजराइल का रुख स्पष्ट
इजराइल लंबे समय से यह दोहराता आ रहा है कि वह ईरान को कभी भी परमाणु शक्ति नहीं बनने देगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा:
“हमने ऑपरेशन ‘राइजिंग लायन’ की शुरुआत की है। यह एक लक्षित अभियान है जो ईरान के परमाणु खतरे को खत्म करने के लिए चलाया गया है। जब तक खतरा टला नहीं समझा जाएगा, ऑपरेशन जारी रहेगा।”

किन ठिकानों पर हमला किया गया?
अनुसार इजराइली हमले में निम्नलिखित ठिकानों को निशाना बनाया गया:
- नतांज, फार्दो और इस्फहान स्थित परमाणु रिसर्च साइट्स
- तेहरान के पास स्थित IRGC मुख्यालय
- मिसाइल भंडारण केंद्र और एयर डिफेंस सिस्टम
हालांकि, IRGC के एयरोस्पेस कमांडर ब्रिगेडियर जनरल अमीरअली हाजीजादेह और ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी हमले में सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
ईरान की प्रतिक्रिया और नुकसान का आकलन
ईरान की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई विस्तृत जवाब नहीं आया है, लेकिन शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौत की पुष्टि ईरानी मीडिया द्वारा कर दी गई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हमले के जवाब में बड़े पैमाने पर प्रतिशोध की रणनीति बनाई जा रही है। ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है और सभी प्रमुख परमाणु साइटों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।