इंडियन रेलवे का बड़ा कदम: भारतीय रेल को निशाना बनाकर हाल ही में कई साजिशें सामने आई हैं, जहां कभी रेलवे ट्रैक पर पत्थर, कभी गैस सिलेंडर, तो कभी डेटोनेटर रखे गए। यह घटनाएं केवल कानपुर ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में भी दर्ज की गई हैं। ये सभी साजिशें भारतीय रेल को डीरेल करने के इरादे से की गई थीं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण समय रहते इन्हें नाकाम कर दिया गया। हालांकि, यह खतरा पूरी तरह से टला नहीं है, और रेलवे प्रशासन इन साजिशों का स्थायी समाधान करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
रेलवे की नई योजना: सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक स्पीड विजन कैमरे
इन साजिशों से निपटने और भारतीय रेल को सुरक्षित रखने के लिए रेल मंत्रालय एक व्यापक योजना पर काम कर रहा है। इस योजना के अंतर्गत ट्रेनों को अत्याधुनिक स्पीड विजन कैमरों से लैस किया जाएगा। ये कैमरे रेलवे ट्रैक पर रखी गई किसी भी भारी वस्तु या संदिग्ध सामग्री को कई किलोमीटर की दूरी से पहचानने में सक्षम होंगे। इसका सीधा फायदा यह होगा कि लोको पायलट को समय रहते चेतावनी मिल जाएगी, जिससे संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।
स्पीड विजन कैमरे ट्रेन के इंजन और सबसे पीछले डिब्बे पर लगाए जाएंगे, जो यात्रा के दौरान पूरे ट्रैक की निगरानी करेंगे। ये कैमरे तुरंत संदिग्ध वस्तुओं की पहचान करेंगे और इसकी रिपोर्ट सीधे कंट्रोल रूम में भेज देंगे, जहां से समय रहते एक्शन लिया जाएगा।
ओएचटी लाइन के पोल्स पर लगेगा सीसीटीवी नेटवर्क
रेल मंत्रालय की योजना केवल ट्रेन तक सीमित नहीं है, बल्कि रेलवे ट्रैक के किनारे लगे ओएचटी (ओवरहेड ट्रांसमिशन) पोल्स पर भी हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की मदद से पूरे ट्रैक की निगरानी होगी, और अगर किसी ने जानबूझकर ट्रैक पर किसी वस्तु को रखा है, तो उसकी पहचान भी आसानी से हो सकेगी। इस कदम से रेलवे ट्रैक के आसपास की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी
रेलवे ने अपनी सुरक्षा योजनाओं में स्थानीय समुदाय को भी शामिल करने की पहल की है। रेलवे ट्रैक के किनारे बसे गांवों और कस्बों में रहने वाले कुछ सभ्रांत लोगों को रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) और रेल प्रबंधन के व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाएगा। इन लोगों की मदद से रेलवे ट्रैक पर होने वाली संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत जानकारी मिल सकेगी और समय रहते कार्रवाई की जा सकेगी। इससे न केवल सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ेगी, बल्कि आम जनता भी रेलवे की सुरक्षा में भागीदार बन सकेगी।
शशिकांत त्रिपाठी: रेलवे की योजना भविष्य के हादसों को रोकने के लिए
उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि रेलवे इन साजिशों से निपटने के लिए कई स्तरों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम भविष्य के लिए हादसों को रोकने की तैयारी कर रहे हैं। इस दिशा में कई योजनाएं तैयार की जा रही हैं। हर योजना की बारीकियों को समझा जाएगा और यह देखा जाएगा कि कौन सी योजना हादसों को रोकने में सबसे प्रभावी साबित होगी।”
रेलवे की यह नई योजना हादसों को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्पीड विजन कैमरे और ओएचटी पोल्स पर लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों से भारतीय रेल की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सकेगा, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन परिचालन में बढ़ती बाधाओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।