अलीगढ़, उत्तर प्रदेश: पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के भयावह दृश्यों ने देशभर में हिन्दू समाज में एकता की भावना को तेज कर दिया है। इसी पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने हिन्दू समाज से एकजुट रहने की अपील की है।
रविवार को अलीगढ़ के एचबी इंटर कॉलेज और पंचन नगरी पार्क में आयोजित कार्यक्रमों में भागवत ने स्वयंसेवकों और स्थानीय जनमानस को संबोधित करते हुए जातिगत भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि हिन्दू समाज को मजबूत बनाना है तो “एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान” की सोच को अपनाना होगा।

मोहन भागवत का संबोधन: सामाजिक समरसता पर बल
अपने भाषण में मोहन भागवत ने स्पष्ट कहा कि –
“हमें ऐसा समाज बनाना होगा जो परंपरा, सांस्कृतिक मूल्यों और नैतिक सिद्धांतों पर आधारित हो। हिंदुओं के बीच जातिगत भेदभाव समाज की एकता को कमजोर करता है।“
उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे समाज के सभी वर्गों तक पहुँचें और स्थानीय स्तर पर भाईचारा और एकजुटता का वातावरण बनाएं।
परिवार और त्योहारों का महत्व
मोहन भागवत ने कहा कि परिवार सामाजिक संरचना की मूल इकाई है और हमें सामूहिक त्योहारों के आयोजन को बढ़ावा देना चाहिए।
“जब पूरा समाज एक साथ त्योहार मनाता है, तब वह राष्ट्रवाद और सामाजिक सौहार्द्र को मजबूत करता है।“

आरएसएस शताब्दी समारोह की तैयारी
गौरतलब है कि आरएसएस की स्थापना को 100 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर विजयादशमी के दिन भव्य शताब्दी समारोह आयोजित किया जाएगा। इसी कड़ी में मोहन भागवत का यह 17 अप्रैल से आरंभ हुआ ब्रज क्षेत्र दौरा जारी है, जिसमें वे आरएसएस प्रचारकों के साथ रोजाना गहन बैठकें कर रहे हैं।
इस दौरे का उद्देश्य है –
- शताब्दी समारोह की रूपरेखा तय करना
- कार्यकर्ताओं को संगठित करना
- समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित करना