Monday, November 25, 2024
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आतिशबाजी का असर: पहाड़ों से मैदान तक हवा में घुला ज़हर, प्रदूषण खतरनाक सीमा पर

नई दिल्ली: दीपावली पर देशभर में हुई आतिशबाजी के कारण पहाड़ी और मैदानी इलाकों में वायु प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया। विभिन्न शहरों में प्रदूषण पाबंदियों के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े, जिससे कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) खतरनाक श्रेणी में आ गया। हालांकि, तेज हवा चलने के कारण एक्यूआइ पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा कम रहा, अन्यथा स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

दिल्ली में आधी रात तक जले पटाखे

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दीपावली की रात आधी रात के बाद तक आतिशबाजी जारी रही। गुरुवार को शाम छह से सात बजे तक दिल्ली का प्रदूषण स्तर अपेक्षाकृत कम था, लेकिन रात आठ बजे के बाद पटाखे जलने शुरू होते ही प्रदूषण में तेजी से वृद्धि होने लगी। शाम सात बजे तक दिल्ली का एक्यूआइ 327 यानी “बहुत खराब” श्रेणी में था, जो रात 11 बजे तक 330 और शुक्रवार सुबह सात बजे तक 362 तक पहुंच गया।

चंडीगढ़ में भी प्रशासन द्वारा आतिशबाजी के लिए रात आठ से दस बजे तक का समय निर्धारित किया गया था, परंतु आतिशबाजी समय से पहले ही शुरू हो गई और देर रात तक चलती रही। इसका असर यह हुआ कि चंडीगढ़ का एक्यूआइ 250 से बढ़कर 395 तक पहुंच गया। सामान्य दिनों में यह 140 के आसपास रहता है।

पहाड़ी क्षेत्रों में भी प्रदूषण का असर

वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर पहाड़ी राज्यों पर भी पड़ा। देहरादून में दीपावली की रात एक्यूआइ 270 दर्ज किया गया, जो एक दिन पहले 159 था। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, देहरादून और ऋषिकेश में प्रदूषण कम करने के लिए ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव किया गया। इसके बावजूद, वायु प्रदूषण का स्तर पिछले दिनों की तुलना में काफी अधिक था।

औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रदूषण की गंभीर स्थिति

हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का प्रदूषण स्तर भी चिंताजनक रहा। दीपावली पर बद्दी का एक्यूआइ 351 दर्ज किया गया, जो देश के शीर्ष 15 प्रदूषित शहरों में शामिल रहा। यहां एक दिन पहले यह 223 था।

उत्तर प्रदेश, बिहार और कोलकाता में प्रदूषण का असर

उत्तर प्रदेश और बिहार के कई शहरों में भी दीपावली के बाद वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई। पटना में जहां सामान्य दिनों में एक्यूआइ 54 के करीब रहता है, वहीं दीपावली पर यह बढ़कर 188 तक पहुंच गया। कोलकाता में भी लोगों ने जमकर पटाखे छोड़े, जिससे प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी हुई।

हवा की दिशा और गति का असर

मौसम विभाग के अनुसार, दीपावली के दौरान हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी थी और इसकी गति दिन में 12 से 16 किलोमीटर प्रति घंटा रही। शुक्रवार सुबह तक यह गति तीन से सात किलोमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई। हवा की गति अधिक रहने के कारण वायु प्रदूषण का स्तर पिछले सालों के मुकाबले थोड़ा नियंत्रित रहा, जिससे प्रदूषण का गंभीर प्रभाव कुछ हद तक कम हुआ।

प्रमुख शहरों में दीपावली पर वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)

शहरदीपावली से एक दिन पहलेदीपावली के दिन
चंडीगढ़250395
दिल्ली307330
देहरादून159270
बद्दी223351
पटना54188
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