पाकिस्तान-बांग्लादेश अर्थव्यवस्था: 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था. इस दिन ही बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश बन गया. बांग्लादेश पहले पश्चिमी पाकिस्तान का हिस्सा हुआ करता था लेकिन अंग्रेजों से आजादी के 24 साल के बाद ही पश्चिमी पाकिस्तान ने पूर्वी पाकिस्तान से खुद को अलग कर लिया.
जानकारों का मानना है कि 1947 में आजादी के 10 सालों के भीतर ही पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में भाषा और आर्थिक अंतर को लेकर संबंध तनावपूर्ण रहने लगे. 1960 में पश्चिमी पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय पूर्वी पाकिस्तान की प्रति व्यक्ति आय से 32% कम थी. लेकिन अगले दस सालों में यह अंतर 81 प्रतिशत तक पहुंच गया.
लेकिन हालिया कुछ दशकों में बांग्लादेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की लगातार कोशिश की है और ये कोशिश रंग भी लाई. पाकिस्तान के मुकाबले बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार का श्रेय देश की उदार नीति को जाता है. बांग्लादेश की विदेशी व्यापार और गरीबी दर में भी सुधार आया है.
बांग्लादेश की प्रगति की क्या रही वजह?
पाकिस्तान के मुकाबले बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था इसलिए भी आगे है क्योंकि बांग्लादेश ने समय समय पर आर्थिक क्रांति को बढ़ावा दिया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान आंतरिक कलह और भष्ट्राचार से घिरा रहा और देश की अर्थव्यवस्था गर्त में चली गई. बांग्लादेश ने आद्यौगिक क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाई जिसका उसे काफी फायदा हुआ.
बीबीसी के मुताबिक, देश की मान्यता मिलने के एक साल बाद बांग्लादेश की आर्थिक विकास दर माइनस 13 प्रतिशत थी. यानी अर्थव्यवस्था की कमर बुरी तरह टूटी हुई थी. इस साल पाकिस्तान की आर्थिक विकास दर एक फीसदी की धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही था लेकिन के मुकाबले काफी अच्छी थी.
51 साल के बाद साल 2023 में इन आंकड़ो में काफी बदलाव आए हैं. इस साल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का विकास दर 0.29 फीसदी है जबकि बांग्लादेश की आर्थिक विकास दर 6 फीसदी है. बांग्लादेश पिछले कई साल से 6 प्रतिशत के विकास दर के साथ आगे बढ़ रहा है. वहीं पाकिस्तान लगातार 3,4 या 1 प्रतिशत विकास दर के बीच झूल रहा है. इस साल उससे भी नीचे चला गया.