नई दिल्ली: पाकिस्तान को 2025 में होने वाली आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी की मेज़बानी मिली थी, लेकिन टूर्नामेंट के शेड्यूल और वेन्यू पर अब भी सस्पेंस बरकरार है। इसका मुख्य कारण है कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने अपनी टीम को पाकिस्तान जाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। बीसीसीआई पहले ही इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को अवगत करा चुका है।
आईसीसी अब इस संकट से निपटने के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ के तहत टूर्नामेंट को आयोजित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए 29 नवंबर को एक कार्यकारी बोर्ड की इमरजेंसी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) से इस विकल्प पर सहमति लेने की कोशिश की गई। हालांकि, पीसीबी ने इस बैठक के दौरान ‘हाइब्रिड मॉडल’ को ठुकरा दिया, जिसके बाद आईसीसी ने उन्हें अल्टीमेटम दे दिया।
पीसीबी की स्थिति और आईसीसी का अल्टीमेटम
पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी इस बैठक में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए थे। वह पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए दुबई में रुके हुए थे। वहीं, बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इस बैठक में ऑनलाइन भाग लिया और 1 दिसंबर को आईसीसी चेयरमैन का पद संभालने वाले हैं। बैठक के दौरान, आईसीसी ने पीसीबी से साफ तौर पर कहा कि वह या तो ‘हाइब्रिड मॉडल’ अपनाए या फिर इस प्रतियोगिता से बाहर होने के लिए तैयार रहे।
‘हाइब्रिड मॉडल’ क्या है?
हाइब्रिड मॉडल के तहत, पाकिस्तान में अधिकांश मुकाबले आयोजित किए जाएंगे, लेकिन भारत के मुकाबले, एक सेमीफाइनल और फाइनल यूएई में आयोजित किए जाएंगे। इस प्रस्ताव से पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान हो सकता है, क्योंकि उसे मेज़बानी अधिकारों के तहत मिलने वाले राजस्व में कमी आएगी। अगर पाकिस्तान ‘हाइब्रिड मॉडल’ को स्वीकार करता है, तो उसे 60 लाख डॉलर (लगभग 50.73 करोड़ रुपये) का मेज़बानी शुल्क गंवाना पड़ेगा। इसके अलावा, PCB के वार्षिक राजस्व में भी भारी गिरावट आएगी, जो वर्तमान में 350 लाख डॉलर (लगभग 296 करोड़ रुपये) के आसपास है।
आईसीसी और पीसीबी के बीच तकरार
आईसीसी के अल्टीमेटम से पीसीबी सकते में आ गया है। पीसीबी ने अब अपनी सरकार के साथ आंतरिक रूप से इस पर चर्चा करने के लिए एक दिन का समय मांगा है। अगर यह मॉडल लागू नहीं होता है, तो टूर्नामेंट को स्थगित भी किया जा सकता है, जिससे पीसीबी को आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, यदि यह विवाद लंबा चलता है, तो आईसीसी को भी परेशानी हो सकती है, क्योंकि उनके प्रमुख ब्रॉडकास्ट पार्टनर स्टार, जो अरबों डॉलर के करार पर आधारित हैं, इस पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
भारत का रुख स्पष्ट
इस बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बीसीसीआई के रुख को दोहराया और कहा कि भारतीय टीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान नहीं जा सकती। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “बीसीसीआई ने बयान जारी किया है और उन्होंने कहा है कि वहां सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हैं, और इसलिए यह संभावना नहीं है कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी।”
आखिरी बार कब खेला गया था पाकिस्तान में क्रिकेट?
भारत ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद से पाकिस्तान में क्रिकेट नहीं खेला है। 2017 में पाकिस्तान ने इंग्लैंड में आयोजित चैम्पियंस ट्रॉफी का अंतिम संस्करण जीता था, और अब यह टूर्नामेंट आईसीसी कैलेंडर में अपनी वापसी करने जा रहा है।