Friday, June 13, 2025
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असम सरकार की नई कार्रवाई: अब अवैध प्रवासियों को सीधे निष्कासित करेगी सरकार, 1950 के कानून का होगा उपयोग

गुवाहाटी, असम: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को एक अहम घोषणा करते हुए कहा कि अब राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें सीधे निष्कासित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में अब विदेशी न्यायाधिकरणों पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार अब 1950 के ‘Immigrants (Expulsion from Assam) Order’ का उपयोग करेगी, जो आज भी पूरी तरह वैध और प्रभावी है।

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न्यायिक प्रक्रिया की बाध्यता नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने क्लॉज 6A पर संविधान पीठ की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया है कि हर मामले में न्यायिक प्रक्रिया की अनिवार्यता नहीं है। हमारे पास 1950 का एक वैध कानून है, जिसे हम पहले गंभीरता से नहीं समझ सके क्योंकि वकीलों का ध्यान इस पर नहीं गया था।”

सरमा के अनुसार, यह आदेश अब राज्य सरकार को एक वैकल्पिक और तेज़ रास्ता देता है जिसके तहत संदिग्ध अवैध प्रवासियों को अदालतों में लंबी प्रक्रिया से गुज़रे बिना निकाला जा सकेगा।

जिलाधिकारियों को मिले सीधे निष्कासन का अधिकार

1950 के निष्कासन आदेश के तहत अब जिलाधिकारियों को यह कानूनी अधिकार प्राप्त होगा कि वे सीधे अवैध प्रवासियों को राज्य से निष्कासित करने का आदेश दें। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल उन्हीं मामलों पर लागू होगी जहां कोई अदालती कार्यवाही या न्यायिक प्रक्रिया लंबित नहीं है।

सरमा ने कहा, “जिन मामलों में न्यायिक प्रक्रिया नहीं चल रही है, वहां अब हम सीधे निष्कासन की प्रक्रिया अपनाएंगे। जरूरत पड़ी तो बार-बार निष्कासन किया जाएगा।”

NRC और विदेशी ट्रिब्यूनल की धीमी प्रक्रिया पर चिंता

मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि एनआरसी (National Register of Citizens) प्रक्रिया और विदेशी ट्रिब्यूनल की प्रणाली ने राज्य सरकार की कार्रवाई को धीमा कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और पुराने कानून की पुनः खोज के बाद सरकार को एक स्पष्ट और प्रभावशाली रास्ता मिल गया है।

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इस समय असम में 100 Foreigners Tribunals कार्यरत हैं, जो 2005 से सक्रिय हैं। ये ट्रिब्यूनल असम पुलिस की बॉर्डर विंग द्वारा चिह्नित संदिग्ध नागरिकों की नागरिकता की जांच करते हैं। इन मामलों में अधिकांश संदिग्धों को बांग्लादेशी नागरिक माना जाता है।

किन पर लागू नहीं होगी नई नीति?

सरमा ने यह स्पष्ट किया कि यह नई निष्कासन नीति उन मामलों पर लागू नहीं होगी जो पहले से ही विदेशी न्यायाधिकरण या किसी अन्य न्यायिक प्रक्रिया के अधीन हैं। इसका उपयोग केवल उन मामलों में किया जाएगा, जहां कोई अदालती कार्यवाही लंबित नहीं है।

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