लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़े अभियान में अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को गिरफ्तार किया गया है। अब तक की जांच में सामने आया है कि छांगुर का नेटवर्क नेपाल और दुबई तक फैला हुआ है, जहां उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन पूरे ऑपरेशन को संचालित कर रही थी। छांगुर बाबा ने पूछताछ में कुबूल किया है कि वह 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मंशा रखता था और इसके लिए उसने हजारों मुस्लिम युवकों की टीम तैयार की थी।
उत्तर प्रदेश एटीएस और ईडी की संयुक्त जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर और उसके करीबियों के नाम 30 से अधिक बैंक खाते हैं, जिनमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन हुआ है। ईडी ने संबंधित बैंकों से पिछले दस वर्षों के वित्तीय रिकॉर्ड मांगे हैं। छांगुर बाबा की गतिविधियों की जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ है कि वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा था और इसके लिए काठमांडू स्थित पाकिस्तानी दूतावास तक पहुंच चुका था।
छांगुर बाबा उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों – अयोध्या, काशी और मथुरा – की जनसंख्या संरचना बदलने की गहरी साजिश में शामिल था। उसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या बढ़ाकर धार्मिक असंतुलन पैदा करना था। इसके अलावा उसने ‘मिट्टी पलटना’, ‘काजल’ और ‘धर्मांतरण’ जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल कर एक संगठित नेटवर्क तैयार किया, जो हिंदू युवतियों को फंसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कराता था।
औरैया जिले की एक युवती ने आरोप लगाया है कि मेराज अंसारी नामक युवक ने रुद्र शर्मा बनकर उसे प्रेम जाल में फंसाया और फिर छांगुर बाबा की सहायता से उसका धर्मांतरण कराया। युवती से निकाह कराने के बाद उसका परिवार बिंदकी से फरार हो गया। एक अन्य मामला हरदोई जिले का सामने आया है, जहां एक हिंदू लड़की को उसकी मुस्लिम सहेली ने घर बुलाकर हैदर नामक युवक से दुष्कर्म करवाया। घटना का वीडियो बनाकर उसे इस्लाम कबूलने और निकाह करने की धमकी दी गई।
जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा ने युवतियों के धर्मांतरण के लिए एक संगठित नेटवर्क खड़ा किया था, जिसमें लगभग एक हजार मुस्लिम युवक शामिल थे। वह इन युवकों का उपयोग लव जिहाद के तहत कर रहा था और इन्हीं के जरिए आईएसआई के लिए स्लीपर सेल तैयार करने की योजना बना रहा था। उसकी कोशिश थी कि हिंदू लड़कियों की शादी आईएसआई एजेंटों से कराई जाए ताकि वे भी खुफिया तंत्र का हिस्सा बन सकें।
एटीएस ने छांगुर और उसकी सहयोगी नसरीन से विदेशी फंडिंग को लेकर गहन पूछताछ की है। शुरुआती जानकारी के अनुसार इन दोनों के पास दुबई और नेपाल से आर्थिक सहायता पहुंच रही थी, जिसका उपयोग धर्मांतरण, प्रचार सामग्री और नेटवर्क विस्तार में किया जा रहा था। छांगुर का नाम माफिया अतीक अहमद से भी जोड़ा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, अतीक ने 2014 में सपा के टिकट पर श्रावस्ती से लोकसभा चुनाव लड़ा था और उसके संपर्क में रहते हुए छांगुर ने अपना नेटवर्क उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक फैला लिया।
उत्तर प्रदेश एटीएस छांगुर बाबा के पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है और उससे जुड़े तमाम संदिग्ध खातों, सहयोगियों व विदेशी संपर्कों की जांच तेज कर दी गई है। प्रदेश में मतांतरण के इस संगठित अभियान को लेकर गृह विभाग ने भी कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि धर्मांतरण की आड़ में देश की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन को प्रभावित करने की गहरी साजिश रची जा रही थी, जिसे समय रहते दबोच लिया गया है।