अयोध्या, उत्तर प्रदेश: अयोध्या नगरी में इस बार का दीपोत्सव बेहद खास और ऐतिहासिक होने जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव होगा। इस अवसर पर अयोध्या नगरी को लाखों दीपों की रोशनी से सजाया जाएगा, जिससे दीपावली का यह आयोजन एक नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित करेगा। दीपोत्सव के भव्य आयोजन के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है, और मंदिर को आकर्षक रूप से सजाने के साथ-साथ विशेष पर्यावरणीय प्रबंध भी किए जा रहे हैं।
25-28 लाख दीपक जलाने का रिकॉर्ड प्रयास
दीपोत्सव में इस वर्ष सरयू नदी के तट पर 25 से 28 लाख दीपक जलाए जाने की योजना है। यह न केवल अयोध्या को एक दिव्य छटा प्रदान करेगा, बल्कि इस प्रयास के माध्यम से एक विश्व रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भी इस अवसर पर विशेष प्रकार के दीये जलाए जाएंगे जो न केवल लंबे समय तक प्रकाश देंगे, बल्कि मंदिर के भवन को दाग-धब्बों और कालिख से सुरक्षित रखने में भी सहायक होंगे। इस प्रकार की योजना से श्रद्धालुओं को दिव्य दृश्य का अनुभव प्राप्त होगा और वे इस आयोजन को लंबे समय तक स्मरण कर सकेंगे।
फूलों से सजेगा भव्य मंदिर परिसर
दीपोत्सव के दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर को मनोहारी फूलों और अन्य साज-सज्जा से सजाने की विशेष व्यवस्था की गई है। पूरे परिसर को कई खंडों और उपखंडों में बांटा गया है, जिससे साज-सज्जा में बेहतर समन्वय हो सके। बिहार कैडर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आशु शुक्ला को पूरे मंदिर परिसर की सफाई, सजावट और रोशनी की व्यवस्था का दायित्व सौंपा गया है। सभी प्रवेश द्वारों को तोरण और विशेष प्रकार के दीपकों से सजाया जाएगा, जिससे श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करते ही एक दिव्य अनुभूति का अनुभव करेंगे।
पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल
इस बार के दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया है। मंदिर भवन के ढांचे को धुएं की कालिख से बचाने के लिए विशेष मोम के दीपक जलाने की व्यवस्था की गई है, जो न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का यह प्रयास है कि दीपोत्सव के माध्यम से धर्म और आस्था के साथ स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा सके। यह पहल अयोध्या के दीपोत्सव को संपूर्ण भारत और विश्व में एक मिसाल के रूप में प्रस्तुत करेगी।
मंदिर दर्शन के लिए रात 12 बजे तक रहेगा खुला परिसर
दीपोत्सव के इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं को मंदिर के दिव्य दर्शन का विशेष अवसर प्रदान करने के लिए मंदिर परिसर को 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक आधी रात 12 बजे तक खुला रखा जाएगा। गेट संख्या चार बी (लगेज स्कैनर प्वाइंट) से श्रद्धालु मंदिर की भव्य सजावट का अनुभव कर सकेंगे और रात तक मंदिर के दर्शन का लाभ उठा सकेंगे। इस प्रकार के प्रबंध से श्रद्धालुओं को एक स्मरणीय अनुभव प्राप्त होगा और वे इस अवसर को अपने जीवन की महत्वपूर्ण स्मृतियों में सहेज सकेंगे।