अब्दुल करीम टुंडा पर फिर से कानून का शिकंजा कस सकता है। अजमेर की एक अदालत ने 1993 में देश में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से जुड़े मामले के मुख्य आरोपी को अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) 1993 के बम धमाकों में टुंडा की भूमिका की पुन: जांच करने और उसके खिलाफ नई याचिका दाखिल करने की तैयारी में है।
बड़ा खुलासा
CBI सूत्रों के मुताबिक, टुंडा ने जेल में रहते हुए कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर बम बनाने की योजना बनाई थी। सूत्रों का कहना है कि टुंडा ने जेल से बाहर निकलने के बाद भी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने की योजना बनाई थी।
CBI की तैयारी
CBI टुंडा के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर रही है और जल्द ही उसके खिलाफ नई याचिका दाखिल कर सकती है। CBI टुंडा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर सकती है।
टुंडा की सजा
1993 के बम धमाकों में टुंडा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। टुंडा को 2013 में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसे दोषी ठहराया गया था।
सीबीआई की याचिका पर क्या होगा फैसला
सीबीआई द्वारा दाखिल की जाने वाली याचिका पर अदालत क्या फैसला सुनाएगी, यह कहना अभी मुश्किल है। हालांकि, सीबीआई के पास यदि टुंडा के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, तो उसे दोबारा सजा मिलने की संभावना है।
नोट: यह खबर अभी विकसित हो रही है। जैसे ही इस मामले में कोई नई जानकारी सामने आएगी, हम आपको अपडेट करेंगे। जुड़े रहिए समाचार झुन्झुनू 24 के साथ।