अजमेर, राजस्थान: ख्वाजा गरीब नवाज की नगरी अजमेर से सामाजिक समरसता की एक सुखद खबर सामने आई है। लोहागल इलाके में दलित समाज की लड़की की शादी में अनूठी पहल हुई। 19 वर्षीय साक्षी मेघवाल की शादी में राजपूत समाज के लोगों ने दुल्हन को घोड़ी पर बिठाकर डोल नगाड़े के साथ पूरे गांव में बिन्दौली निकाली।
यह आयोजन साक्षी की शादी से पहले मंगलवार रात को हुआ। 14 साल के बालक शुभम सिंह बनवाड़ा ने दुल्हन साक्षी को साफा पहनाया। इसके बाद बनवाड़ा राजपूत परिवार ने दुल्हन और उनके परिवार को राजस्थानी परंपरा के अनुसार बिंदौली के शाही भोज पर आमंत्रित किया। आयोजन लोहगल स्थित गार्डन रेस्टोरेंट में हुआ।
इस अनोखी पहल का नेतृत्व आम जनमत पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह बनवाड़ा और प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामसिंह तस्वारियां ने किया। उन्होंने खुद घोड़ी की लगाम पकड़कर बिंदौली निकाली। शादी में सैकड़ों लोग इस सामाजिक समरसता के माहौल के साक्षी बने।
पहल के पीछे की भावना
प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम सिंह बनवाड़ा ने बताया कि दलित समाज को लेकर अक्सर नकारात्मक धारणाएं बनी रहती हैं। कई जगह दलित दूल्हों को घोड़ी पर बैठने नहीं दिया जाता। यह कायरता है। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज हमेशा दलित समाज के साथ रहा है और इस तरह के आयोजन करके समाज में फैली ऊंच-नीच को खत्म किया जा सकता है।
साक्षी के पिता कैलाश मेघवाल, जो बनवाड़ा के पुराने दोस्त हैं, अपनी बेटी की शादी बेटे की तरह धूमधाम से करना चाहते थे। इसीलिए बेटी को साफा पहनाकर उसकी घोड़ी पर बिंदौली निकाली गई।
सामाजिक समरसता का संदेश
इस आयोजन के जरिए लोगों को यह संदेश दिया गया कि समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं है, सभी समान हैं। सामाजिक समरसता बनाए रखना किसी एक की नहीं, बल्कि सभी की जिम्मेदारी है।
सोशल मीडिया पर वायरल
इस बिंदौली और आयोजन के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हर कोई इस पहल की सराहना कर रहा है।
निष्कर्ष
अजमेर में हुई यह अनूठी पहल सामाजिक समरसता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह दर्शाता है कि जब समाज के सभी वर्ग मिलकर प्रयास करते हैं तो सामाजिक बुराइयों को दूर किया जा सकता है।