Friday, June 20, 2025
Homeविदेशअंटार्कटिका में हो रहे अजीब बदलावों से चिंतित वैज्ञानिक, जारी की सख्त...

अंटार्कटिका में हो रहे अजीब बदलावों से चिंतित वैज्ञानिक, जारी की सख्त चेतावनी

अंटार्कटिका: हाल ही में, अंटार्कटिका में ठंडी हवा के घूमते द्रव्यमान ने वैज्ञानिकों को गंभीर चिंताओं में डाल दिया है। इसे अंटार्कटिक ध्रुवीय भंवर के रूप में पहचाना जा रहा है। इस भंवर के असामान्य व्यवहार ने वैज्ञानिकों को सतर्क कर दिया है और इसके संभावित प्रभावों के प्रति चिंता बढ़ गई है।

तापमान में नाटकीय उछाल

धरती के समताप मंडल (Stratosphere) में तापमान में नाटकीय उछाल के बाद, भंवर के अलग होने का जोखिम पिछले दो दशकों में पहली बार बढ़ गया है। न्यू साइंटिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिक ध्रुवीय भंवर इस समय अभूतपूर्व रूप से अस्थिर दिख रहा है।

तेज गर्मी और असामान्य मौसम

रिपोर्ट के मुताबिक, इस अस्थिरता के कारण अंटार्कटिका में तेज गर्मी हो सकती है। इसके साथ ही, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में मौसम असामान्य रूप से गर्म और शुष्क हो सकता है। सामान्य रूप से शांत रहने वाला भंवर इस साल नाटकीय रूप से कमजोर हुआ है, जिससे ठंडी हवा बाहर निकल गई है और गर्म हवा अंटार्कटिका में घुस गई है। इसका परिणाम यह हुआ है कि भंवर अपनी सामान्य स्थिति से हट गया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में ठंड का मौसम आ गया है।

हवा की स्पीड में कमी

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बार-बार हवा की स्पीड धीमी होने से भंवर की दिशा में अचानक बदलाव हो सकता है। इसे स्ट्रेटोस्फेरिक वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। यह संभावित विभाजन के साथ मिलकर पहले से ही खराब स्थितियों को और भी बदतर बना सकता है।

संभावित बड़े प्रभाव

ब्रिटेन के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय के साइमन ली ने कहा, “कभी-कभी मामूली गर्मी भंवर के बाद किसी बड़ी घटना की आहट दे सकती है। इसका मुख्य कारण अंटार्कटिक भंवर की परिवर्तनशीलता का कम होना है। यदि इसमें कुछ भी असामान्य होता है, तो यह बहुत जल्दी एक बड़ी घटना बन सकती है।”

असामान्य संरचना और दूरगामी परिणाम

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड विश्वविद्यालय में दक्षिणी ध्रुवीय भंवर के व्यवहार का अध्ययन करने वाली चैंटेल ब्लाचुट ने इस साल की संरचना को बहुत ही असामान्य बताया है। उन्होंने कहा कि गर्म हवा इस भंवर पर खरतनाक प्रभाव डाल रही है, जिससे भंवर के दोनों ओर की संरचनाओं पर खिंचाव बढ़ रहा है।

अभी के हालात अनिश्चित हैं, लेकिन अंटार्कटिका में उठने वाले भंवर के विभाजित होने की संभावना को लेकर चिंता बनी हुई है। जलवायु परिवर्तन, जैसे कम समुद्री बर्फ और हंगा टोंगा-हंगा हापाई ज्वालामुखी विस्फोट, इस अस्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं, जिसमें अंटार्कटिका में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और ऑस्ट्रेलिया तथा दक्षिण अमेरिका में भीषण गर्मी और सूखा शामिल हो सकता है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!