न्यूयॉर्क, अमेरिका: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने पाकिस्तान के ‘घोर पाखंड’ और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले रवैये की कड़ी आलोचना की है। भारत ने कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और नागरिकों के बीच फर्क नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को UNSC में पाकिस्तान के निराधार आरोपों का करारा जवाब देते हुए उसे आड़े हाथों लिया।

भारत ने किया पाकिस्तान के हमलों का खुलासा
पार्वथानेनी हरीश ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए और धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया।
उन्होंने कहा,
“ऐसे देश का नागरिक सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है, जो लगातार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।”
पाकिस्तान ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने किया करारा पलटवार
इससे पहले, पाकिस्तान के प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया और भारत पर निराधार आरोप लगाए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश ने कहा,
“भारत दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित है। 26/11 मुंबई हमला हो या हाल ही का पहलगाम हत्याकांड – हर बार पाकिस्तान की भूमिका उजागर होती रही है।”
पहलगाम आतंकी हमला और भारत की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। इसके बाद भारत ने 6 मई की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत बड़ी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकवादी शिविरों को नष्ट कर दिया गया।
इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारतीय बलों ने नाकाम कर दिया।

“आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को होना चाहिए एकजुट” – भारत
UNSC में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति अपनाने की मांग करते हुए कहा,
“नागरिकों की सुरक्षा के नाम पर आतंकवादियों को बचाना गंभीर पाखंड है। संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद को किसी भी रूप में सहन नहीं करने की नीति अपनानी चाहिए और इसे संरक्षण देने वाले देशों को बेनकाब करना चाहिए।”
पाक अधिकारियों की आतंकवादियों से निकटता पर सवाल
हरीश ने यह भी बताया कि पाकिस्तान में वरिष्ठ सरकारी, सैन्य और पुलिस अधिकारी मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कारों में शामिल होते हैं। उन्होंने कहा,
“एक ऐसा देश जो आतंकवादियों और आम नागरिकों में फर्क नहीं करता, वह किसी भी नैतिक मंच पर नागरिक सुरक्षा की बात नहीं कर सकता।”