अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का श्रेय खुद को दिया है। उन्होंने दावा किया कि व्यापार वार्ता के माध्यम से दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। व्हाइट हाउस में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ एक बैठक के दौरान, ट्रंप ने कहा, “अगर आप देखें कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ क्या किया, तो हमने उस पूरे मामले को सुलझा लिया है और मुझे लगता है कि मैंने इसे व्यापार के ज़रिए हल किया। हम भारत-पाकिस्तान के साथ एक बड़ा सौदा कर रहे हैं… आप जानते हैं कि दोनों देशों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही थी। हमने दोनों देशों के नेताओं से बात की और पूरे मसले को सुलझा लिया।”
ट्रंप ने आगे कहा कि दो दिन बाद कुछ हुआ और लोगों ने कहा कि यह ट्रंप की गलती थी। उन्होंने कहा, “मुझे यह कहने से नफरत है कि हमने इसे सुलझा लिया है। हमने कुछ अच्छा किया है। लेकिन पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन लोग और कुछ वाकई अच्छे नेता हैं। पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी मेरे दोस्त हैं… वह एक महान व्यक्ति हैं।” ट्रंप ने दावा किया कि उनकी मध्यस्थता से दोनों देशों ने युद्धविराम को स्वीकार किया।

भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई
दरअसल, भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। भारत ने मिसाइल ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलीबारी की और भारतीय सीमा में ड्रोन हमले की कोशिश की, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा हवा में नष्ट कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
भारत ने ट्रंप के दावों को किया खारिज
भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौते की घोषणा से पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा कर दी। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका ने युद्धविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हालांकि, भारत ने ट्रंप के इन दावों को पहले ही पूरी तरह से खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित कोई भी मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से ही हल किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के शुरू होने और संघर्ष विराम होने के बाद से भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच ‘व्यापार का मुद्दा’ नहीं उठा। मंत्रालय ने कहा, “7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही। लेकिन इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।”