Saturday, June 21, 2025
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कालकाजी भूमिहीन कैंप में बुलडोजर एक्शन शुरू, 1200 झुग्गियों पर चला डीडीए का हथौड़ा, भारी विरोध और सियासत गरमाई

नई दिल्ली: दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र स्थित भूमिहीन कैंप में बुधवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) द्वारा झुग्गियों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। यह कदम दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दी गई मंजूरी के बाद उठाया गया, जिसके तहत अतिक्रमण हटाने के लिए लगभग 1200 झुग्गियों को गिराया जा रहा है

कार्रवाई सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई, जब छह से अधिक बुलडोजर, दिल्ली पुलिस, अर्धसैनिक बलों और डीडीए अधिकारियों के साथ बस्ती में दाखिल हुए और ध्वस्तीकरण का कार्य शुरू किया गया।

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विरोध की आशंका, भारी सुरक्षा तैनात

विरोध की आशंका को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल और अर्धसैनिक जवानों की तैनाती की गई। मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

डीडीए ने तीन दिन पहले नोटिस चस्पा कर लोगों को 10 जून तक झुग्गी खाली करने का समय दिया था, जिसमें स्पष्ट चेतावनी थी कि समय सीमा खत्म होने पर कार्रवाई की जाएगी।

झुग्गियों में अफरा-तफरी, लोग समेटते दिखे सामान

अधिकांश झुग्गी निवासी पहले ही संभावित कार्रवाई के डर से अपना सामान समेट चुके थे, लेकिन कई लोग बुलडोजर आते देख जल्दबाजी में सामान निकालते दिखे। कई परिवारों ने खुले में अस्थायी टेंट लगाकर सामान इकट्ठा किया, तो कुछ को रातोंरात बेघर होना पड़ा।

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राजनीति का प्रवेश, आम आदमी पार्टी का विरोध

कार्रवाई से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने डीडीए की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आतिशी मार्लेना को हिरासत में लिया गया

बुधवार को जैसे ही बुलडोजर चले, आतिशी ने सोशल मीडिया पर रेखा गुप्ता (मुख्यमंत्री) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा:

“सुबह-सुबह 5 बजे से भूमिहीन कैम्प में भाजपा का बुलडोज़र चलना शुरू हो गया। रेखा गुप्ता जी, आपने तो 3 दिन पहले कहा था कि एक भी झुग्गी को तोड़ा नहीं जाएगा। तो फिर भूमिहीन कैम्प पर बुलडोज़र क्यों चल रहा है?”

यह बयान आम आदमी पार्टी की झुग्गी पुनर्वास नीति पर उठ रहे सवालों और भाजपा की कथनी-करनी में अंतर को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा रहा है।

डीडीए का पक्ष: अतिक्रमण हटाना अनिवार्य

डीडीए अधिकारियों का कहना है कि भूमिहीन कैंप की झुग्गियां सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाई गई हैं, और हाई कोर्ट के आदेश के बाद कानूनी रूप से इन्हें हटाना जरूरी था। डीडीए के अनुसार, लंबे समय से वहां झुग्गीवासियों को वैकल्पिक पुनर्वास की चेतावनी और समय दिया जा रहा था।

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