अहमदाबाद, गुजरात: अहमदाबाद में 12 जून को एक बड़ा विमान हादसा हुआ जिसमें एयर इंडिया की फ्लाइट टेक ऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब दोपहर 1:38 बजे एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए रवाना हुआ। विमान में कुल 254 लोग सवार थे, जिनमें 242 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे।

टेक ऑफ के लगभग 15 किलोमीटर बाद यह विमान एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया, जिसके बाद उसमें आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि बचाव दल के पहुंचने तक अधिकांश यात्रियों की मौत हो चुकी थी। इस हादसे में कुल 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री रमेश विश्वास कुमार जीवित बचे हैं। उनका अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज जारी है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मरने वालों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। हादसे के बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और मेडिकल टीमें तुरंत मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किन्जारापु और गृह मंत्री अमित शाह कुछ ही घंटों में घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अहमदाबाद पहुंचकर स्थिति की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और घायलों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया।
सरकार ने इस दुर्घटना की गहन जांच के लिए विमानन विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की है। साथ ही एयर इंडिया ने यात्रियों के परिवारों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है ताकि उन्हें जानकारी प्राप्त करने में मदद मिल सके।
दुर्घटना में मारे गए यात्रियों की पहचान के लिए अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज में डीएनए सैंपल जुटाने की प्रक्रिया जारी है। अब तक 200 से अधिक परिजनों ने अपने नमूने जमा करवाए हैं। प्रशासन ने सैंपल देने आए लोगों के रुकने और भोजन आदि की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की हैं।
फिलहाल दस मृतकों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें अधिकांश मेडिकल के छात्र बताए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि शेष शवों की पहचान डीएनए रिपोर्ट के बाद ही की जा सकेगी।

इस त्रासदी से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारें राहत कार्य में जुटी हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाए।