अमेरिका: अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला द्वारा पाकिस्तान को “आतंक रोधी अभियानों में एक अभूतपूर्व साझेदार” करार दिए जाने से भारत की कूटनीतिक हलचलों में तीव्रता आ गई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
पाकिस्तान की तारीफ, IS-K के खिलाफ अभियान का जिक्र
अमेरिकी संसद की हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमिटी के समक्ष गवाही के दौरान जनरल कुरिल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने आईएसआईएस-खुरासान (IS-K) के खिलाफ दर्जनों सैन्य अभियान चलाए हैं और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के साथ प्रभावी तालमेल स्थापित किया है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर का नाम लेते हुए कहा कि कई बड़े आईएस-खुरासान कमांडरों की गिरफ्तारी में पाकिस्तान की भूमिका निर्णायक रही।

कुरिल्ला ने मोहम्मद शरीफुल्लाह उर्फ जफर का उदाहरण दिया, जो 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले में शामिल था। उन्होंने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद जनरल मुनीर ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से फोन कर सूचना दी और प्रत्यर्पण की इच्छा जताई।
भारत के तीव्र कूटनीतिक प्रयासों की पृष्ठभूमि में आया बयान
यह बयान उस वक्त आया है जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसे लेकर भारत ने पाकिस्तान की आतंकी नीति को उजागर करने के लिए विश्व स्तर पर अभियान छेड़ा है।
भारत ने 33 देशों की राजधानियों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे और आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर जवाबदेह ठहराने का प्रयास किया।
एस जयशंकर की दो टूक: आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रुसेल्स यात्रा के दौरान भारत की कड़ी नीति को दोहराते हुए कहा,
“अगर पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को जारी रखता है, तो भारत जवाब देने में दो बार नहीं सोचेगा। आतंकवादी चाहे पाकिस्तान में कितने भी अंदर छिपे हों, हम उन्हें निशाना बनाएंगे।”
उन्होंने Politico को दिए एक साक्षात्कार में ओसामा बिन लादेन का उदाहरण देते हुए दुनिया को चेताया कि
“यह सिर्फ भारत-पाकिस्तान का मसला नहीं है, यह आतंकवाद का मुद्दा है, और यह आतंकवाद एक दिन पश्चिम को भी उसी तरह परेशान करेगा।”

पाकिस्तान में आतंकी हमलों की भयावहता पर अमेरिकी जनरल का बयान
जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद से हुई भीषण मानवीय क्षति का हवाला देते हुए बताया कि 2024 की शुरुआत से अब तक देश में 1,000 से अधिक आतंकी हमले हो चुके हैं, जिनमें करीब 700 सुरक्षाकर्मी मारे गए और 2,500 नागरिक घायल हुए हैं।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान को ‘जीरो-सम लेंस’ से नहीं देखना चाहिए, यानी एक के साथ संबंध रखने से दूसरे को नकारा नहीं जाना चाहिए।
भारत की प्रतिक्रिया और वैश्विक दृष्टिकोण
भारत ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की प्रशंसा को ‘वास्तविकता से दूर’ बताया है। वरिष्ठ राजनयिक सूत्रों के अनुसार, “जब पाकिस्तान खुलेआम आतंकी संगठनों को समर्थन दे रहा है, तब अमेरिका द्वारा उसे ‘अभूतपूर्व साझेदार’ कहना एक खतरनाक संकेत हो सकता है।”
भारत की ओर से स्पष्ट किया गया कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवाद सिर्फ भारत ही नहीं, समूचे वैश्विक समुदाय के लिए खतरा है।