नई दिल्ली,
21 दिसंबर 2023,
Winter Solstice 2023: आज की रात साल की सबसे लंबी रात है. दिन सबसे छोटा था. क्योंकि अब शुरू होगी भयानक वाली सर्दी. इसे कहते हैं Winter Solstice. ठंड इसलिए ज्यादा होगी क्योंकि उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दियां शुरू हो चुकी हैं. जानिए क्या होता है ये विंटर सोल्सटिस… और इससे मौसम पर कितना असर पड़ने वाला है.
21 दिसंबर 2023. साल की सबसे लंबी रात आज होगी. करीब 16 घंटे की. जबकि दिन सिर्फ 8 घंटे का. इसे कहते हैं विंटर सोल्सटिस (Winter Soltice). ये वो समय होता है जब सूर्य की किरणें बहुत कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती हैं. साल के सबसे छोटे दिन को विंटर सोल्सटिस कहते हैं.
आज के दिन सूरज से धरती की दूरी ज्यादा हो जाती है. पृथ्वी पर चांद की रौशनी देर तक रहती है. विंटर सोल्सटिस इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमते समय लगभग 23.4 डिग्री झुकी होती है. झुकाव के कारण प्रत्येक गोलार्द्ध को सालभर अलग-अलग मात्रा में सूर्य की रोशनी मिलती है.
सूर्य के चारों तरफ पृथ्वी के चक्कर लगाने के समय 22 दिसंबर 2022 को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा. इससे धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी. इस दिन सूर्य की रोशनी का एंगल 23 डिग्री 26 मिनट 17 सेकेंड दक्षिण की तरफ होगी. अगले साल 21 मार्च सूर्य विषुवत रेखा पर होगा, तब दिन-रात बराबर समय के होंगे.
सूर्य की पोजिशन के नाम पर बना है सोल्सटिस शब्द
इसे अंग्रेजी में विंटर सॉल्सटिस कहते हैं. सॉल्सटिस एक लैटिन शब्द है जो सोल्स्टिम से बना हुआ है. लैटिन शब्द सोल का अर्थ होता है सूर्य जबकि सेस्टेयर का अर्थ होता है स्थिर खड़ा रहना. इन दोनों शब्दों को मिलाकार सॉल्सटिस शब्द बना है जिसका अर्थ है सूर्य का स्थिर रहना. इसी प्राकृतिक बदलाव की वजह से ही 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है.
दूसरे ग्रहों की तरह पृथ्वी भी 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है. झुके हुए अक्ष पर पृथ्वी के घूमने से सूर्य की किरणें एक जगह अधिक और दूसरी जगह कम पड़ती हैं. बता दें, विंटर सॉल्सटिस के समय दक्षिणी गोलार्द्ध (Hemisphere) में सूर्य की रोशनी ज्यादा पड़ती है.
रोशनी का हेर-फेर है पूरी दुनिया में… जानिए ऐसा क्यों?
वहीं, उत्तरी गोलार्द्ध में सूरज की रोशनी कम पड़ती है. इसी वजह से आज के दिन दक्षिणी गोलार्द्ध में सूरज ज्यादा देर तक रहता है, जिससे यहां का दिन लंबा होता है. अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में आज से गर्मी की शुरुआत हो जाती है.
दिसंबर विंटर सॉल्सटिस के दिन जब सूर्य की सीधी किरणें भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती हैं तो उत्तरी गोलार्द्ध में यह दिसंबर संक्रांति (Winter Solstice) और और दक्षिणी गोलार्ध में इसे जून संक्रांति (Summer Solstice) कहते हैं.
दिसंबर में, जैसे ही पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव सूर्य से दूर होता है, दक्षिणी गोलार्द्ध को सूर्य की ज्यादा रोशनी मिलती है. सूर्योदय और सूर्यास्त का सही समय दो चीजों पर निर्भर करता है – विभिन्न समय क्षेत्र के भीतर अक्षांश और भौगोलिक स्थिति।