राजस्थान में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर राजस्थान विधानसभा में जोरदार हंगामा और नारेबाजी हुई। विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए मध्य प्रदेश के साथ हुए एमओयू पर सवाल उठाए। कांग्रेस व निर्दलीय विधायकों ने आरोप लगाया कि राजस्थान के हितों पर कुठाराघात हुआ है। निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने कहा कि 83 विधायकों को अगली पीढ़ी बीजेपी को माफ नहीं करेगी।
राज्य के हितों के साथ कुठाराघात
पीसीसा चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अभी भी इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि परियोजना खर्च में केंद्र राज्य का अनुपात 90:10 का होगा, लेकिन वे ये कैसे करेंगे यह भी अभी साफ नहीं है। आप राजस्थान के लोगों के साथ अन्याय नहीं कर सकते, लेकिन इस एमओयू में मुख्यमंत्री को तो कुछ पता ही नहीं है। जल शक्ति मंत्री राजस्थान के हैं, लेकिन उन्होंने भी राजस्थान के हितों का ध्यान नहीं रखा है। 2017 की डीपीआर के मुताबिक जो पानी मिलना चाहिए था, उतना पानी अब हमें नहीं मिलेगा।
बेनीवाल, गर्ग और यूनुस खान ने घेरा
ईआरसीपी को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पिछली सरकार राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग कर रही थी। 2015 से किसी योजना को घोषित नहीं किया है। लेकिन केंद्र सरकार ने बहुत अच्छा रास्ता निकाला है। आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने कहा कि सदन में ईआरसीपी की एमओयू की कापी भी नहीं रखी गई है। क्या इस एओयू से 3500 से एमसीएफ पानी मिलेगा क्या। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि एस एमओयू से सिर्फ पीने का पानी आएगा। सरकार बताए धन की कितनी व्यवस्था की औ कब तक काम पूरा होगा। निर्दलीय विधायक युनूस खान ने कहा कि इसकी एक कार्यशाला तो करवा दो। ताकि लोगों को पता चल सके की ईआऱसीपी क्या है। उन्होंने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा को सोने के पिंजरे में बंद कर था। नहीं तो यह शेर दहाड़ता। एमओयू में कहीं नहीं लिखा कि राजस्थान को कितना पानी मिलेगा। पूर्वी राजस्थान के लोग सिंचाई के लिए पानी का सपना देखना बंद कर दे।
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