रिटायरमेंट फंड रेगुलेटर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) यानि ईपीएफओ (EFFO) ने अपने करोड़ों सब्सक्राइबर्स के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने आधार कार्ड (Aadhaar Card) को डेट ऑफ बर्थ प्रूफ (Date of Birth) की डॉक्यूमेंट लिस्ट से बाहर कर दिया है।
ईपीएफओ ने कहा है कि अब जन्म तिथि (DoB) के प्रूफ के रूप में ‘आधार’ को वैलिड डॉक्यूमेंट नहीं माना जाएगा। इसके लेकर ईपीएफओ (EPFO Alert) ने एक सर्कुलर भी जारी किया है। सर्कुलर में ईपीएफओ ने बताया है कि आधार कार्ड, जिसे कई लाभार्थियों द्वारा डेट ऑफ बर्थ प्रूफ माना जा रहा था अब मुख्य रूप से एक आइडेंटिटी वेरिफिकेशन टूल है, न कि बर्थ प्रूफ।
इस सर्कुलर के मुताबिक, ईपीएफओ (EPFO Update) से संबंधित कामकाज के दौरान जन्मतिथि या डेट ऑफ बर्थ में अपडेट करने के लिए भी आधार को स्वीकार्य डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट से हटाया जा रहा है।
यहां हम उन डॉक्यूमेंट के बारे में बताने जा रहे हैं जो ईपीएफओ के लिए जन्मतिथि (Date Of Birth) के प्रूफ के रूप में मान्य हैं:
- किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या यूनिवर्सिटी द्वारा जारी मार्कशीट
- स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट या एसएलसी (SLC)/स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट यानी टीसी (TC)/SSC सर्टिफिकेट जिसमें नाम और जन्म तिथि शामिल हो
- सर्विस रिकॉर्ड बेस्ड सर्टिफिकेट
- पैन कार्ड
- केंद्रीय/राज्य पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- सरकार द्वारा जारी किया गया डोमिसाइल सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट
- सरकारी पेंशन
- सिविल सर्जन द्वारा जारी मेडिकल सर्टिफिकेट
आधार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं- UIDAI
इससे पहले यूआईडीएआई ने 22 दिसंबर, 2023 को एक सर्कुलर में कहा था कि आधार नंबर का इस्तेमाल वेरिफिकेशन के बाद किसी व्यक्ति की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। इस वजह से यह जन्म तिथि का प्रमाण नहीं है। यूआईडीएआई ने यह भी कहा था कि ईपीएफओ जैसे कई निकाय जन्मतिथि को वेरिफाई करने के लिए आधार का उपयोग कर रहे हैं। इसमें कई उच्च न्यायालयों के आदेशों का संदर्भ देते हुए कहा गया था कि आधार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं है।
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