डॉ. रितु सिंह: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की पूर्व प्रोफेसर डॉ. ऋतु सिंह को हिरासत में लिया है. उनके साथ डीयू में धरना दे रहे कुछ सहयोगियों को भी हिरासत में लिया गया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी में वीसी ऑफिस के ताले खोलने की मांग पर धरना दे रही ऋतु सिंह सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं.
#JusticeForDrRitu ट्रेंड के साथ लगातार लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं और उनके समर्थन में उतर आए हैं. लोगों ने पुलिस पर तानाशाही करने और अवैध तरीके से उन्हें हिरासत में लेने का आरोप लगाया है. आइए समझते हैं मामला क्या है और क्यों ऋतु सिंह सुर्खियों में हैं.
आप सभी से अपील न्याय की इस लड़ाई में साथ दे 🙏✊🏻🤝
“ARREST or SHUTDOWN: Our Voices Won’t be Silenced!”
No more Institutional Murder
अब और Rohit Vemula नही!
🔒🔑खोले जाएंगे VC OFFICE के ताले
Date – 19 January 2024
Time – 10:00 AM
Venue – Arts Faculty Gate number 4 D.U pic.twitter.com/O18PWx3c5G— Dr Ritu Singh (@DrRituSingh_) January 7, 2024
दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर हैं ऋतु
डॉ. ऋतु सिंह डीयू की दलित प्रोफेसर हैं. वह डीयू के दौलत राम कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में एडहॉक शिक्षक रह चुकी हैं. ऋतु ने करीब चार साल पहले यहां की प्रिंसिपल डॉ. सविता रॉय के खिलाफ जातिगत भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि यह आप उन्होंने तब लगाए जब उन्हें कथित तौर पर अशोभनीय आचरण की वजह से कॉलेज से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें जातिगत भेदभाव के चलते कॉलेज से बाहर कर दिया गया. करीब एक साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने के बाद उन्हें हटाया गया.
दिल्ली विश्वविद्यालय की निलंबित प्रोफेसर @DrRituSingh_ करीब 125 दिनों से ‘न्याय’ की आस लगाकर धरने पर थी,
लेकिन एक दलित बेटी की पुकार सुनने की जगह उसे गिरफ्तार किया गया।
क्या इस नए भारत में ‘दलित’ और ‘बेटियों के लिए कोई जगह नही??
— Krishna Mohan Sharma 🇮🇳 (@KrishnaMohanSha) January 10, 2024
प्रिंसिपल की बर्खास्तगी मांग पर शुरू किया धरना
2020 में उन्होंने प्रिंसिपल की बर्खास्तगी को लेकर धरना दिया था. हालांकि उसका बहुत लाभ नहीं हुआ और मामला कोर्ट चला गया. बावजूद इसके वह अपनी लड़ाई लड़ती रहीं.
‘कॉलेज में भाषणबाजी करती थीं ऋतु’
प्रिंसिपल ने जहां ऋतु सिंह पर क्लास में भाषणबाजी और छात्रों के नाखुश होने का आरोप लगाया तो वहीं प्रोफेसर ने तर्क दिया कि प्रिंसिपल ने जिन छात्रों के नाम बताए, वे उन्होंने कभी पढ़ाए नहीं. डॉ. ऋतु सिंह का मामला एससी कमीशन में भी जा चुका है. इसके बाद भी वह पिछले साल सितंबर से धरने पर बैठी हुई थीं.
हालांकि मंगलवार (9 जनवरी) को ऋतु सिंह अपने कुछ साथियों के साथ धरने पर थीं तभी दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर धरने से हटा दिया. ऋतु सिंह हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या पर भी अभियान चला चुकी हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय की निलंबित प्रोफेसर डॉ ऋतु सिंह करीब 125 दिनों से ‘न्याय’ की आस लगाकर धरने पर थी,
लेकिन एक दलित बेटी की पुकार सुनने की जगह उसे गिरफ्तार किया गया।
क्या इस नए भारत में ‘दलित’ और ‘बेटियों के लिए कोई जगह नही?? pic.twitter.com/6JpIXTg9Mn
— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 10, 2024
सोशल मीडिया पर समर्थन में उतरे लोग
अब दिल्ली पुलिस के उन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद ट्विटर पर ‘जस्टिस फॉर ऋतु सिंह’ और ‘दिल्ली पुलिस’ लगातार ट्रेंड कर रहा है. दिल्ली पुलिस ने ये कार्रवाई बिना परमिशन धरना देने पर की है. पुलिस की कार्रवाई को लेकर ऋतु सिंह ने एक वीडियो शेयर किया है.
प्रोफेसर ऋतु के वीडियो को ट्राइबल आर्मी के संस्थापक हंसराज मीणा ने शेयर करते हुए लिखा है कि डीयू में बीते 125 दिन से धरने पर बैठी दलित प्रोफेसर डॉ. ऋतु सिंह को न्याय देने के बजाय आंदोलन स्थल से जबरन हटाके लिए दिल्ली पुलिस द्वारा धरना स्थल को तहस नहस करना कायराना हरकत है. अंबेडकर साहब की तस्वीर को भी नुकसान पहुंचाने का आरोप है, जो निंदनीय कृत्य है.
ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है JusticeForDrRitu
ट्राइबल आर्मी के एक्स हैंडल से भी एक अन्य वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें दिल्ली पुलिसकर्मी और अर्धसैनिक बल के जवान ऋतु को धरना स्थल से जबरन हटाते दिख रहे हैं.
वीडियो शेयर करके लिखा गया है कि डीयू की दलित प्रोफेसर ऋतु सिंह के साथ पहले विश्वविद्यालय की प्रिंसिपल सविता राय ने भेदभाव किया गया. इस अन्याय के खिलाफ वह चार माह से कैंपस के बाहर न्याय के लिए धरना दे रही थीं. अब पुलिस ने उन्हें बिना न्याय मिले ही धरना स्थल से उठाकर डिटेन कर लिया है. शर्मानाक. अन्य यूजर्स भी इस हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं.